आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। संत रविदास की जयंती पर आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनके अनुयाईयों को बधाई देने के साथ ही योगी सरकार व बीजेपी पर निशाना साधा है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेताओं को चाहिए कि वे महान संतगुरू संत रविदास की अमरवाणी को ईमानदारी से अपने जीवन में उतारें।
वहीं जयंती पर भाजपा व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संत रविदास को याद करने को लेकर तंज कसते हुए मायावती ने कहा कि सिर्फ रविदास जी को स्मरण करने की परंपरा का दिखावा करने के बजाए उनके आदर्शों पर चलकर जनता का कल्याण करें।
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बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि ना कि हिंसा में लिप्त होकर सत्ता का दुरूपयोग करें, जैसा कि उत्तर प्रदेश में विशेष तौर पर हो रहा है जिसका जीता-जागता प्रमाण कासगंज की जारी हिंसक घटनाएं हैं। जहां बिना उचित सरकारी अनुमति के ही या़त्रा निकालने का समर्थन करके योगी सरकार कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा को सही ठहराने का प्रयास कर रही है जो सीधे तौर पर न्याय का गला घोंटने की कोशिश है।
यहां बताते चलें कि रविदास जयंती के मौके पर भाजपा तो उन्हें याद कर ही रही है। वहीं खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वाराणसी के नगवां स्थित संत रविदास मंदिर में आज उन्हें याद करने पहुंचे।
इंसानियत का संदेश देने में गुजार दिया जीवन
इसके साथ ही मायावती ने अपने बयान में संत रविदास को याद करते हुए कहा कि मन चंगा तो कठौती में गंगा का आदर्श व मानवतावादी अमर संदेश सर्वसमाज को देने वाले संतगुरू ने अपना पूरा जीवन इंसानियत का संदेश देने में गुजार दिया।
वर्ण-व्यवस्था की कुरीतियों में सुधार लाने की करते रहें कोशिश
यहीं वजह थी कि वाराणसी में छोटी समझी जाने वाली जाति में जन्म लेने के बावजूद भी प्रभु-भक्ति के बल पर ब्रम्हाकार हुए। एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे अजीवन कड़ा संघर्ष करके हिन्दू धर्म में व्याप्त वर्ण-व्यवस्था की कुरीतियों में सुधार लाने की कोशिश करते रहे।
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