जनता को धोखा देने के लिए बसपा नहीं जारी करती घोषणा पत्र: मायावती

घोषणा पत्र

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। बसपा के विधानसभा चुनाव में हार की एक वजह घोषणा पत्र नहीं जारी करने की बात नसीमुद्दीन सिद्दीकी के उठाने के बाद से लगातार इस मामले को लेकर हो रही चर्चांओं पर आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने सीधा जवाब दिया है। मायावती ने कहा कि बसपा जो कहती है वह करती है, यहीं वजह है कि बीएसपी जनता को बरगलाने और धोखा देने वाले घोषणा पत्र औरों की तरह नहीं जारी करती। पार्टी की नीति व सिद्धांत उसकी कार्यशौली में मौजूद है।

यह भी पढ़े- बसपा में लौटते ही नसीमुद्दीन पर बरसे पूर्व मंत्री अनीस अहमद, बोले अब पार्टी से जुड़ेंगे मुसलमान

बसपा सरकार बनने के बाद जनहित के काम करने के साथ ही कानून-व्‍यवस्‍था पर लगाम भी रखती है। यूपी की जनता ने बसपा की चार बार सरकार बनवाने के साथ ही हमारे कामों को भी देखा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि यहीं वजह है कि बसपा घोषणा-पत्र जारी नहीं करने के मामले में आज भी अपने फैसले पर कायम है।

यह भी पढ़े- मायावती ने आरोपों पर दिया जवाब, नसीमुद्दीन को बताया ब्‍लैकमेलर

चार दिन में एमएच खान को बसपा प्रवक्‍ता के पद से हटाया

चार दिन पहले बसपा के प्रवक्‍ता बनाए गए डा. एमएच खान को आज मायावती ने प्रवक्‍ता के पद से हटा दिया है। बसपा की ओर से जारी सूचना के अनुसार बसपा के वरिष्‍ठ नेता एमएच खान से प्रवक्‍ता पद की जिम्‍मेदारी लेकर अब उन्‍हें लखनऊ में मुस्लिम समाज को बसपा से जोड़ने का काम दिया जा रहा है। इसकी पीछे वजह शहरी निकाय के चुनाव के नजदीक होने का तर्क दिया गया है। हालांकि यह बात चार दिन पहले भी बसपा सुप्रीमो जानती थी कि शहरी निकाय का चुनाव करीब है।

यह भी पढ़े- मायावती का बड़ा फैसला, बेटे समेत नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा से निकाला

वहीं दूसरी ओर प्रवक्‍ता फैजान व उम्‍मेद सिंह के पार्टी के विषय में बोलने में कटौती की गई है। अब दोनों प्रवक्‍ता सर्वसमाज से जुड़े मुद्दों पर ही मीडिया में बयान दे सकेंगे। मायावती के नए आदेश के अनुसार पार्टी के ‘नीति गत’ मामलों में दोनों ही प्रवक्‍ता मीडिया को कोई भी बयान नहीं दे पाएंगे।

यह भी पढ़े- मायावती ने मुसलमानों को कहा था गद्दार, मांगे थे 50 करोड़: नसीमुद्दीन सिद्दीकी

पार्टी के साथ ही मूवमेंट भी है बसपा

मायावती ने यह भी कहा कि बसपा राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ एक सामाजिक परिवर्तन का मूवमेन्ट भी है। जिसमें हर धर्म, वर्ग, समाज व महिला, छात्र एवं युवाओं आदि की भागीदारी है। यहीं कारण है कि इन वर्गों के लिए अलग-अलग से संगठन बनाने की जरूरत कभी महसूस नहीं की गयी। मायावती ने दावा किया कि बीएसपी के जमीनी स्तर से लेकर आगे की हर कमेटी में लगभग 50 प्रतिशत भागीदारी युवा वर्ग को देने व महिला वर्ग को भी सम्मान दिये जाने पर खास ध्यान दिया जाता है।