बसपा में लौटते ही नसीमुद्दीन पर बरसे पूर्व मंत्री अनीस अहमद, बोले अब पार्टी से जुड़ेंगे मुसलमान

पूर्व मंत्री अनीस अहमद
अपने साथियों के साथ प्रेसवार्ता करते पूर्व मंत्री अनीस अहमद।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी में मचे घमासान के बीच बसपा के एक कद्दवार नेता की पार्टी में वापसी हुई है। पार्टी में लौटने वाले बसपा के पूर्व अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू ने आज एक होटल में प्रेसवार्ता कर नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर जोरदार हमला बोलने के साथ ही गंभीर आरोप भी लगाए।

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नसीमुद्दीन के सुरक्षा मांगने की बात पर फूलबाबू ने कहा उन्‍हें सुरक्षा की क्‍या जरूरत है। उनका बेटा अफजल तो खुद ही दो सौ लोगों को गाडि़यों में लेकर घूमता है। नसीमुद्दीन के ही भड़काने और गलत बात बताने से नाराज मायावती ने उन्‍हें पार्टी से निकाला था तो दो साल पहले वह मुरादाबाद में नसीमुद्दीन के कारनामों की पोल खोलने के लिए प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। वहां भी अफजल ने अपने 200 गुंडों से हमला करवाया था, लेकिन पुलिस व मीडिया के चलते कामयाब नहीं हो पाया था।

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जो बेटी के साथ इंसाफ नहीं कर सका वह दूसरों के साथ क्‍या करेगा

नसीमुद्दीन सिद्दीकी के मायावती पर बेटी को देखने नहीं जाने के आरोप पर अनीस अहमद ने कहा कि हम लोगों को कभी नहीं मालूम चला कि उनकी बेटी भी है, लेकिन अगर मतलब के लिए वह अपनी बेटी की मौत के बाद भी देखने नहीं गए तो उन्‍होंने उसके साथ इंसाफ नहीं किया और जो अपनी बेटी का नहीं हुआ वह दूसरे के साथ क्‍या इंसाफ करेगा। मैं होता तो सौ बार ऐसी राजनीत छोड़ देता।

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मुस्लिमों को बहन जी से नहीं मिलने देते थे नसीमुद्दीन सिद्दीकी

अनीस अहमद ने प्रेसवार्ता में कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपने स्‍वार्थ के लिए कभी भी मुसलमान कार्यकर्ताओं को बहन जी (मायावती) से नहीं मिलने देते थे। कभी कार्यकर्ताओं को उनकी व्‍यस्‍ता की बात बताई जाती तो कभी कहा जाता आज वह बहुत गुस्‍से में हैं। एक तरीके से वह जैमर का काम कर रहे थे। वह कहते हैं कि उन्‍होंने 34 साल पार्टी के लिए समर्पित कर दिए, लेकिन क्‍या वह बता पाएंगे कि उन्‍होंने कितने मुसलमानों को इस दौरान बसपा से जोड़ा है।

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अब मायावती ने नसीमुद्दीन नाम के दरवाजे को तोड़ दिया है तो उनकी वजह से जितने भी लोग पार्टी से निकाले गए थे, सबको बात कर वापस लाया जाएगा। बड़ी संख्‍य में मुस्लिम समेत अन्‍य समाज के लोग भी पार्टी में आने को तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर बसपा की किताब और मेंबर शिप चार्ज के बारे में पूछने पर फूलबाबू ने कहा कि जब आप ज्‍वॉइन करेंगे तो खुद ही पता चल जाएगा।

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‘नसीमुद्दीन हटाओं, बसपा बचाओं की उठी थी मांग’

उनके हटते ही बड़ी संख्‍या में मुस्लिम समाज के कद्दावार लोग बसपा से जुड़ेंगे। उनको पार्टी से निकालने का काम चुनाव के पहले हुआ होता तो आज बसपा की स्थिति ही दूसरी होती। मुझे गलत आरोप लगवाकर पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रदेश भर में मुसलमानों ने नसीमुद्दीन हटाओं बसपा बचाओं के नारे के साथ प्रदर्शन किया था।

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मुखिया को दिया धोखा

फूलबाबू ने कहा कि ऑडियो रिकॉर्ड कर उन्‍होंने पार्टी की मुखिया बहन जी को धोखा देने का काम किया है। मैं नहीं चाहता कि मुस्लिम समाज नसीमुद्दीन जैसे लोगों की वजह से धोखेबाज की शक्‍ल में पहचाने जाए। नसीमुद्दीन सिद्दीकी के भूचाल वाले बयान पर फूलबाबू ने कहा कि अब उनके पास कुछ नहीं है, जितनी ऑडियों उन्‍हें सुनाना था, सुना चुके।

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वैसे भी जो बातें उन्‍होंने पेश की है वह बातें तो बहन जी मंच से बोलती हैं। मुझे भी बसपा से निकाला गया था लेकिन कोई नहीं कह सकता कि मैंने बहन जी के खिलाफ एक शब्‍द बोला हो। इस दौरान शकील अहमद खां, अटल सिंह जयसवाल, मुन्‍ना लाल कश्‍यप, मुरारी लाल सागर, एमएस फरीदी, मोहम्‍मद रेहान रमेश चन्‍द्र शुक्‍ला, अंसार खां, जावेद अहमद, फरहत खां, मौलाना दिलदार खां, मुकर्रम अली, अफजाल, दानिश आदि मौजूद रहे।