आरयू ब्यूरो
लखनऊ। पश्चिमी यूपी में एक समय कुख्यात बदमाशों के लिए आतंक का पर्याय और 80 से ज्यादा एनकाउंटर का हिस्से रह चुके आईपीएस अफसर जय नारायण सिंह ने आज लखनऊ के आईजी रेंज पद का कार्यभार ग्रहण किया। चार्ज लेने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए जय नारायण सिंह ने कहा कि अपराधियों को किसी भी तरह कि ढील नहीं दी जाएगी। पुलिस की इमेज सुधारने के लिए थाने स्तर से लेकर फील्ड तक बेहतर काम किये जाएंगे जिसका असर भी जल्द ही देखने को मिलेगा।
जनता में पुलिस के प्रति पॉजिटिव मैसेज देने के लिए नवागत आईजी बोले कि घटना के बाद पीडि़त अक्सर थाने जाते हैं, इस दौरान उसकी मुलाकात वहां तैनात मुंशी और दीवान से ही हो पाती हैं। यही थाने पर आने वाले फोन कॉल भी रिसीव करते है, कई बार इनकी रिश्वतखोरी और दुव्यर्वहार के चलते पुलिस की इमेज समाज में काफी बिगड़ती है। थानेदारों के साथ ही इनकी भी मीटिंग ली जाएगी। जिससे कि इनकी कार्यशौली में सुधार हो सके। इसके अलावा इन्हें सही आचरण रखने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके बाद भी नहीं सुधरे तो सख्त कार्रवाई होगी।
इतना हल्का नहीं हूं, रंगबाजों का बदल दूंगा जिला
अकसर राजधानी में पुलिस के फेल होने की एक वजह यह भी सामने आती रही है कि कई थानों और चौकिंयों पर जुगाड़ू और सत्ता पक्ष में पहुंच रखने वाले अयोग्य दरोगा, इंस्पेक्टर का कब्जा है। अपनी पहुंच के चलते ही यह लंबे समय तक एक थाने पर जमकर अपना काला साम्राज्य चलाते हैं, इस बारे में पूछे जाने पर आईजी ने बेबाकी से जवाब दिया कि इतना हल्का अफसर नहीं हूं कि किसी के प्रेशर में आ जाऊं। एक दो को गैर जनपद भेज दूंगा बाकी सब अपने आप सुधर जाएंगे। साथ ही उन्होंने अच्छे व्यवहार, तेज तर्रार और ईमानदार इंस्पेक्टर, दरोगाओं को मौका देने का पक्ष जताया है।
ये भी बोले नवागत आईजी
चोरी, चेन स्नेचिंग समेत अन्य क्राइम के कंट्रोल के लिए पांच साल पुराने अपराधियों की सक्रियता चेक करने के साथ ही उनकी निगरानी की जाएगी। कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पाए जाने पर उन्हें जेल भेजा जाएग।
तेजी से विस्तार कर रहे लखनऊ में जाम की ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए अतिक्रमण हटवाने के साथ ही पार्किंग के भी सही इस्तेमाल के लिए निर्देश जारी होंगे। हमेशा जाम की चपेट में रहने वाले क्षेत्रों के लिए प्लान बनाकर काम किया जाएगा।
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अनसुलझी घटनाओं के सवाल पर कहा कि धैर्य, लगन और सही प्लानिंग से किसी भी घटना का खुलासा किया जा सकता है, इस दौरान उन्होंने 81 लाख की डकैती के वारदात का खुद भी डेढ़ साल बाद खुलासा करने का जिक्र करते हुए कहा कि कभी-कभी घटना के खुलासे में टाइम भी लगता है, लेकिन खुलासा सही होना चाहिए। फर्जी खुलासा करने वालों पर उन्होंने कड़े एक्शन की बात कही।
बिजली चोरी पर काम करने की बात पर आईजी ने कहा कि वह खुद भी विधुत यांत्रिक के इंजीनियर है। बिजली विभाग से बात कर इस पर भी काम किया जाएगा कि जिससे कि लोगों को भरपुर बिजली मिल सके।
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एंटी रोमियों के नाम पर दहशत फैलाने वालों के बारे आईजी बोले कि इसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा। पार्कों में पहले की तरह ही भयमुक्त माहौल देखने को मिलेगा।
पुलिस विभाग के सीयूजी नंबर नहीं उठाने वाले पुलिस अफसरों के बारे में आईजी ने कहा कि इसके संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे। सरकारी नंबर हर हाल में रिसीव करें अगर मीटिंग या किसी अन्य वजह से कॉल रीसीव नहीं की जा सके तो बाद में कॉल बैक कर फोन करने वाले से बात की जाए ताकि जनता और मीडिया को पुलिस पर उंगली उठाने का मौका नहीं मिल सके।
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मूल रूप से आजमगढ़ निवासी जय नारायण सिंह 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने वाराणसी की बीएचयू जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग में बीटेक भी किया है। लखनऊ के ही गोमतीनगर सर्किल से अपनी सेवा शुरू करने वाले जय नारायण एसपी मुख्य रूप से अलमोरा, संतकबीरनगर, मऊ प्रतापगढ़ में बतौर एसपी, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा में एसएसपी और सहारनपुर में बतौर डीआईजी के रूप में पद संभाल चुके है। किसी कुर्सी पर इनके सबसे छोटे कार्यकाल के रूप में डीआईजी सहारनपुर आठ महीने की पोस्टिंग रही हैं।