बाराबंकी: इंस्‍पेक्‍टर व मुंशी से त्रस्‍त महिला सिपाही ने दी जान, सुसाइड नोट में बताई पूरी कहानी, आप भी पढ़ें

महिला सिपाही

आरयू संवाददाता, 

बाराबंकी। अनुशासन के नाम पर अपने ही मातहतों का उत्‍पीड़न करने के लिए बदनाम यूपी पुलिस का एक और शर्मनाक कारनामा सामने आया है। सूबे की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में बीती रात एक महिला सिपाही ने इंस्‍पेक्‍टर हैदरगढ़ परशुराम ओझा और मुंशी रुखसार अहमद की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी। आज सुबह हैदरगढ़ कस्‍बे के एक कमरे महिला सिपाही का शव लटकता मिला तो हड़कंप मच गया। एक पेज के सुसाइड नोट से पूरा मामला खुलने के बाद एसपी बाराबंकी ने इंस्‍पेक्‍टर परशुराम व मुंशी को लाइनहाजिर कर दिया है। पुलिस शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही आगे की कार्रवाई कर रही है। दूसरी ओर महिला सिपाही की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है।

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बताया जा रहा है कि मूल रूप से हरदोई जिले की रहने वाली मोनिका हैदरगढ़ कोतवाली में बतौर सिपाही तैनात थी। मोनिका हैदरगढ़ कस्बे के मितईपुरवा वार्ड में अक्षय कुमार के मकान में किराए का कमरा लेकर रहती थी।

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आज मोनिका के कोतवाली नहीं पहुंचने और मोबाइल फोन पर बात नहीं होने के चलते एक अन्‍य सिपाही उसे ढ़ूढता हुआ, उसके कमरे में पहुंचा तो वहां का नजारा देख उसके होश उड़ गए। कमरे में पंखे के सहारे रस्‍सी के फंदे से मोनिका की लाश लटक रही थी। सिपाही की सूचना पाकर हैदरगढ़ पुलिस के अलावा अन्‍य अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर छानबीन करने के साथ ही घटना की जानकारी मोनिका के परिजनों को दी। दोपहर तक मोनिका के परिजन भी रोते-पीटते पोस्‍टमॉर्टम हाउस पहुंच गए थे।

सुसाइड नोट छिपाती रही हैदरगढ़ पुलिस

इस बीच मोनिका से मिले सुसाइड नोट को क्षेत्रिय पुलिस ने छिपा लिया था। हालांकि मोनिका के ही किसी शुभचिंतक ने सुसाइड नोट को सोशल मीडिया पर वॉयरल कर दिया। जिसके बाद हंगामा मच गया।

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सुसाइड नोट में मोनिका ने पुलिस विभाग में मनमानी की बात को जगजाहिर करने के साथ ही कई सवाल भी उठाएं थे। वहीं अपनी गलत ड्यूटी लगाने और छुट्टी नहीं देने समेत कई संगीन आरोप इंस्‍पेक्‍टर परशुराम ओझा और मुंशी रुखासर अहमद पर लगाए थे। मोनिका ने सुसाइड नोट में ये भी लिखा कि छुट्टी मांगने पर इंस्‍पेक्‍टर ने रजिस्‍टर फेक दिया था। उसे अगर छुट्टी दी गयी होती तो उसे ये कदम नहीं उठाना पड़ता।

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इसके अलावा सुसाइड नोट के अंत में मोनिका ने अपने मम्‍मी-पापा से माफी भी मांगी थी। पूरे एक पेज के इस सुसाइड नोट के वॉयरल होते ही बाराबंकी से लेकर सूबे की राजधानी लखनऊ स्थित डीजीपी कार्यालय तक में हड़कंप मच गया। जिसके बाद इंस्‍पेक्‍टर और मुंशी पर कार्रवाई की गयी।

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