पिछले हफ्ते ISI एजेंट को पकड़ने वाले ATS के ASP राजेश साहनी ने कार्यालय में खुद को गोली से उड़ाया, हड़कंप

राजेश साहनी सुसाइड
राजेश साहनी (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। यूपी एटीएस के बेहद तेज-तर्रार अफसरों में गिने जाने वाले एएसपी राजेश साहनी ने मंगलवार की दोपहर गोमतीनगर स्थित अपने कार्यालय में खुद को गोली मारकर जान दे दी। घटना की जानकारी लगते ही महकमे में हड़कंप मच गया। घटना से जहां परिजनों में कोहराम मचा है, वहीं पुलिस भी अपने तेज और हंसमुख साथी के जान देने की वजह तलाश रही है।

बताया जा रहा है कि दोपहर करीब एक बजे राजेश साहनी गोमतीनगर स्थित अपने कार्यालय में मौजूद थे। तभी उन्‍होंने अपनी सरकारी पिस्‍टल से दहिने कनपटी पर गोली मार ली, जो दूसरी ओर से पार हो गयी। वहीं कमरे से गोली चलने की आवाज सुनते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। लोग भागते हुए उनके कमरे में पहुंचे। हालांकि तब तक उनकी सांसे थम चुकी थी। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस विभाग के तमाम बड़े अधिकारी और विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम भी मौके पर पहुंच गयी।

राजेश साहनी सुसाइड

पुलिस ने शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही अपनी जांच शुरू कर दी है। एडीजी कानून-व्‍यवस्‍था आनंद कुमार ने बताया कि पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस आत्‍महत्‍या में प्रयुक्‍त पिस्‍टल को कब्‍जे में लेकर मामले की जांच कर रही है।

पत्‍नी, बच्‍चे भी पहुंचे

वहीं राजेश साहनी के सुसाइड की सूचना पाकर एटीएस कार्यालय पहुंची पत्‍नी उनकी मौत पर यकीन नहीं कर पा रही थी। बच्‍चे भी अपने बहादुर पिता के इस तरह से जाने से बेसुध थे। इसके अलावा राजेश साहनी के साथी भी काफी दुखी थे, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने भी अपने जांबाज अधिकारी के खोने पर अफसोस जताया।

वहीं हर किसी के जेहन में बस एक ही सवाल गूंज रहा था कि आखिर काबिल और बहादुर अफसर होने के साथ ही राजेश साहनी एक मिलनसार व्‍यक्ति भी थे, फिर ऐसी क्‍या वजह रही होगी कि उन्‍होंने ऐसा कदम उठा लिया।

छुट्टी के बाद भी बुलाए गए थे कार्यालय

राजेश साहनी सोमवार से दस दिनों की छुट्टी पर थे। उन्‍हें परिवार के साथ मुंबई जाना था। हालांकि इसके बाद भी एएसपी को कार्यालय क्‍यों बुलाया गया था। इसकी वजह साफ नहीं हो सकी है। पुलिस के अफसर भी इस बारे में कुछ भी साफ कहने से बच रहें हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि एक फाइल पर साइन करने के लिए उन्‍हें बुलाया गया था। हालांकि उससे पहले ही उन्‍होंने अपने एक मातहत से पिस्‍टल मंगवाकर जान दे दी।

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मूलतः बिहार की राजधानी पटना निवासी राजेश साहनी 1992 बैच के पीपीएस सेवा में चुने गए थे। वह 2013 में अपर पुलिस अधीक्षक बने थे। 1969 में जन्मे राजेश साहनी ने एमए राजनीति शास्त्र से किया था।

राजेश साहनी ने बीते मंगलवार को ही उत्‍तराखण्‍ड से आइएसआइ एजेंट रामेश को गिरफ्तार करने में मुख्‍य भूमिका निभाई थी। वहीं इसके पहले वह आइएसआइएस खुरासान मॉड्यूल का खुलासा करने के अलावा सूबे की राजधानी के काकोरी इलाके में संदिग्‍ध आतंकी सैफुल्‍लाह के इनकाउंटर में भी अहम भूमिका निभा चुके थे। इसके अलावा भी राजेश साहनी ने कई बड़े ऑपरेशन को पूरा किया था।

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