आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सूबे की राजधानी में संपन्न हुए जिस दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट को योगी सरकार लाखों लोगों के रोजगार और प्रदेश की खुशहाली का रास्ता बता रही है। वहीं अब शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने इन्वेस्टर्स समिट पर सवाल उठाने के साथ ही इसे एक फैशन और जनता का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और योगी सरकार की विफलताओं से हटाने वाला बताया है। साथ ही कहा कि बीजेपी की सरकारों द्वारा यह खाओ-पकाओ का एक अच्छा साधन भी बन गया है।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने आज एक बयान जारी कर कहा कि करोड़ों-अरबों रुपया खर्च करके ’इन्वेस्टर्स समिट’ कराना वर्तमान में एक ऐसा फैशन हो गया है जिसके नाम पर बीजेपी सरकारें सरकारी धन पानी की तरह बहाती हैं, जबकि जनता के इसी गाढ़ी कमाई के धन से गरीबों, किसानों व बेरोजगार युवाओं को राहत देने वाले काम तत्काल किए जा सकते थे। ऐसा करने की जगह भाजपा सरकार अब लाखों करोड़ के ओएमयू के नाम पर जनता को वरगलाने की कोशिश कर रही है।
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पहले सुधारें कानून-व्यवस्था
बसपा सुप्रीमो ने योगी सरकार को नसीहत देते हुए पहले यूपी की कानून-व्यवस्था सुधारने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी होगी तभी यहां उद्योग-धंधे आएंगे। परंतु वर्तमान हालात में तो ऐसा लगता है कि प्राइवेट निवेशक यहां आने में कोई खास रूचि नहीं रखते हैं।
मोदी और योगी सरकार के वादा खिलाफियों की लिस्ट होती जा रही लंबी
बीएसपी अध्यक्ष ने भाजपा सरकारों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अपने बयान में कहा कि इनके वादा खिलाफियों की लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है। यही वजह है कि मोदी सरकार के साथ ही योगी सरकार पर भी अब जनता का भरोसा नहीं रह गया।