आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। किसानों की समस्याओं को लेकर आज उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकारों पर जमकर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने अपने एक बयान में कहा कि किसान तमाम तरह की दिक्कत उठाने के साथ ही मजबूर होकर आत्महत्या कर रहा है। वहीं किसानों के आवाज उठाने पर भी योगी सरकार लाठी बरसवाकर उनकी आवाज को दबा रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को समय से सिंचाई सुविधा नहीं मिल रही है। बुंदेलखण्ड में किसान संकट से जूझ रहे हैं। खाद-बीज तक का अभाव है। जब वे अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करते हैं तो उनपर बल प्रयोग कर योगी सरकार उनकी आवाज दबा रही है।
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महोबा, बांदा, हमीरपुर में किसान आत्महत्या कर चुके हैं। महोबा में 55 वर्षीय किसान उमा शंकर पर 18 लाख का कर्ज था इसके बाद उनकी फसल छुट्टा जानवरों ने बर्बाद कर दी तो सामने कोई रास्ता नहीं बचता देख उन्होंने सोमवार को आत्महत्या कर लिया।
बार-बार पूछने पर भी किसानों का ब्यौरा नहीं दे रही सरकार
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार के वादों के बारे में पूछते हुए कहा कि बहुत दुख की बात है कि किसानों को कृषि उत्पाद के लागत मूल्य में 50 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्य देने और किसानों की आय दुगनी करने का भाजपा का वादा क्या हुआ? किसानों की कर्जमाफी के नाम पर एक रूपए, सात रूपए और बीस रूपए तक के चेक बंटे है। बार-बार पूछने पर भी कर्जमाफ किसानों का ब्योरा योगी सरकार क्यों नहीं दे रही है।
झूठे मुकदमें में फंसाने में भी नहीं कर रही संकोच
वहीं आलू कांड का भी आज अपने बयान में जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष बोले कि अपराधों पर रोक लगाने में नाकाम और कुंठित भाजपा सरकार आलू किसानों की पीड़ा समझने के बजाय झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश करने में कोई संकोच तक नहीं करती है। यही भाजपा सरकार का असली चेहरा है।
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इसके अलावा सपा अध्यक्ष ने अपनी सरकार के समय किसानों के हित में किए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि बात बहुत साफ है जब चार सालों में मोदी सरकार किसानों का कोई कल्याण नहीं कर सकी तो योगी सरकार से विकास की एक ईंट भी रखने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
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