आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। ओला वृष्टि से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग कर रहे किसानों पर महोबा जिले में किए गए लाठीचार्ज पर आज अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि महोबा में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग कर रहे किसानों पर बर्बर बल प्रयोग करना योगी सरकार का कायराना कदम है। किसानों की आवाज दबाने के लिए हवाई फायरिंग की गई। उनकी गिरफ्तारी भी हुई है। पूरे क्षेत्र में पुलिस व पीएसी का आतंक है।
कर्ज माफी के नाम पर योगी सरकार ने किया जबरदस्त धोखा
सपा अध्यक्ष ने अपने बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है। हाल में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बुरी तरह बर्बाद हुई हैं। किसान पहले से ही परेशानियों से गुजर रहा है। कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ भाजपा की राज्य सरकार ने जबर्दस्त धोखा किया है। खाद, बीज, कीटनाशक, की सुचारू व्यवस्था न होने से और अपनी फसल का लागत मूल्य भी न मिल पाने से किसान बदहाली की जिंदगी जी रहा है। वह क्षुब्ध होकर आत्महत्या भी कर रहा है।
गाय को मां कहने वाली सरकार नहीं चाहती किसान पाले गाय
अखिलेश ने निशाना साधते हुए आगे कहा कि सरकार सुनियोजित तरीके से डेरी उद्योग से जुड़े किसानों को भी हतोत्साहित कर रही है। गाय को मां कहने वाली सरकार ये नही चाहती कि किसान गाय पाले। जहां एक ओर खेती-किसानी के कार्यों में सरकार कोई मदद नहीं कर रही है, वहीं कृषि उत्पादकों के संरक्षण और संवर्धन में भी प्रदेश सरकार के पास कोई नीति नही है।
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कार्पोरेट जगत के लिए बनी नीतियां
सपा सुप्रीमो ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि सच तो यह है कि योगी सरकार की नीतियां कार्पोरेट जगत के लिए बनी हैं, किसान के लिए नहीं। कर्ज किसान को नहीं, व्यापारी को दिया जाता है। किसानों को तो बस अपमानित किया जाता है और बदनाम किया जाता है।
सपा ने उठाई आवाज, योगी सरकार ने कर दिया अनसुना
अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी में भाजपा सरकार ने कहा था कि अमीरों से पैसे लेकर गरीबों को देगी पर यह भी 15 लाख के वादे की तरह जुमला निकला। इसीलिए आज किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर मारा-मारा धक्के खा रहा है। समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार की जनविरोधी, किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ विधानमंडल में और सड़क पर प्रदर्शन कर आवाज उठाई है। पर योगी सरकार ने इसे अनसुना कर दिया है।
प्रदेश का किसान पूरी तरह आंदोलित और आक्रोशित है। उसकी उपेक्षा के गंभीर परिणाम होंगे और भाजपा सरकार को उसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। भाजपा सरकार को तत्काल किसानों के नुकसान का मुआवजा देने और उनको राहत देने में देर नहीं करनी चाहिए। कृषि उत्पाद के लागत मूल्य में पचास प्रतिशत जोड़कर किसानों को भुगतान के वादे को निभाना ही होगा।