आरयू ब्यूरो
लखनऊ। आज भारत ने जूनियर वर्ल्डकप हॉकी का खिताब जीत इतिहास रच दिया। यह पहला मौका है जब किसी मेजबान टीम ने खिताब पर अपना कब्जा जमाया है। भारतीय खिलाडि़यों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए बेल्जियम की टीम को 2-1 से मात दी। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने 15 साल से चल रहे सूखे को भी समाप्त कर दिया। आठवें मिनट में ही गोल करने वाले गुरजंत सिंह को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया।
अटैकिंग और डिफेंस के साथ किया बेजोड़ प्रदर्शन
शुरू से अटैकिंग मोड पर रही टीम इंडिया ने अपना पहला गोल 8 वें मिनट में ही दाग कर अपने इरादे दर्शा दिये थे, जबकि उसके छह मिनट बाद ही सिमरनजीत सिंह ने दूसरा गोलकर विरोधी टीम पर प्रेशर बना दिया। भारत ने आज डिफेंस में भी बेहतरीन खेल दिखाया है।
यही वजह है कि बेल्जियम मात्र एक गोल वह भी खेल के अंतिम समय में कर सका। पेनॉल्टी कार्नर से इसे गोल में विरोधी टीम के फैबरिक्स ने बदला। इंडियन टीम ने अपनी रणनीति के तहत ‘मैन टू मैन’ मार्किंग कर बेल्जियम की टीम को लगभग पूरे समय बांधे रखा।
तीसरी बार फाइनल में पहुंची थी इंडिया
फाइनल में पहुंची टीम इंडिया ने दूसरी बार खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले उसने 2001 में फाइनल में अर्जेंटीना को 6-1 के बड़े अंतर से हराते हुए वर्ल्ड कप जीता था। जबकि 1997 में पहली बार फाइनल तक का सफर करने के बाद इंडियन टीम को ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार मिली थी।
सीएम ने भारत तो राज्यपाल ने उपविजेता टीम को दी ट्रॉफी
आज हजारों हॉकी फैन के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राज्यपाल राम नाईक भी मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पहुंचे थे। खिताब जीतने के बाद सीएम ने भारतीय टीम को, जबकि राज्यपाल ने बेल्जियम की टीम को ट्रॉफी प्रदान की। पूरे मैच में भारतीय टीम के प्रशंसकों ने भी जबरदस्त उत्साह दिखाया। स्टेडियम में तिरंगा लहराने के साथ ही भारत माता की जय और इंडिया-इंडिया के नारों से खिलाडिंयों में जोश भरते रहे।