आरयू वेब टीम।
केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर चल रहे बवाल के बीच भगवान अयप्पा का द्वार पांच नवंबर की विशेष पूजा के लिए खोला जाएगा। इस मौके पर केरल के कई इलाकों में चार से लेकर छह नवंबर तक धारा 144 लागू की जाएगी, जिससे पूजा के दौरान क्षेत्र में शांति बहाल रह सके और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम न दिया जा सके।
महिलाओं के मंदिर प्रवेश को लेकर किए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पिछले महीने हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से चार से छह नवंबर तक सन्नीधनम, पंबा, निलाक्कल और इलावंकुल में धारा 144 लगाने का फैसला किया गया है।
दूसरी ओर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। मंदिर पांच नवंबर सोमवार को खुलेगा और इसके बाद 16 नवंबर को करीब दो महीने के नियमित वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खुलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को नहीं मिला प्रवेश
हाल ही में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाएं वहां प्रवेश नहीं कर पाईं। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। इस दौरान हिंसा की भी घटनाएं हुईं, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हुए। 22 अक्टूबर को मंदिर के द्वार दर्शन के लिए बंद कर दिए गए थे।
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उल्लेखनीय है कि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने 10 से 50 साल की उम्र के बीच की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है। जिसके बाद ही बवाल मच गया था।
अमित शाह ने उठाए थे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल
वहीं फैसले के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि सरकार और कोर्ट को ऐसा आदेश देना चाहिए जिसका पालन हो सके। साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने ये भी कहा था कि कन्नूर हमारे लिए तीर्थस्थल जैसा है। अयप्पा के भक्तों पर दमन का कुचक्र चलाया जा रहा है, बीजेपी अयप्पा भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।
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