बोलीं मायावती, सबरीमाला पर भड़काऊ भाषण देकर विधानसभा चुनावों में धर्म का राजनीतिक इस्‍तेमाल करना चाहते हैं अमित शाह

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को सबरीमाला मंदिर को लेकर भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह पर तीखा हमला बोला है। मायावती ने आज अपने एक बयान में कहा कि अमित शाह सुप्रीम कोर्ट को हिदायत दे रहें है। जो अति निंदनीय है साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान में लेना चाहिए।

यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि शनिवार को अमित शाह द्वारा केरल के कन्नूर में सुप्रीम कोर्ट को हिदायत देते हुए ये कहना कि कोर्ट ऐसे फैसले नहीं दे जिसका अनुपालन नहीं किया जा सके तथा कोर्ट को आस्था से जुड़े मामले में फैसला देने से बचना चाहिये’ अति-निंदनीय है। साथ ही केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष के इस गैर-जिम्मेदाराना बयान से यह स्पष्ट है कि देश का लोकतंत्र भी खतरे में है। मायावती इतने पर ही नहीं रूकी उन्‍होंने आगे कहा कि सीबीआइ, सीवीसी, ईडी व भारतीय रिजर्व बैंक जैसी देश की महत्त्वपूर्ण संस्थाओं में वर्तमान में जो गंभीर संकट व क्राइसिस का दौर चल रहा है, वह इसी प्रकार के गलत सरकारी नजरिये का दुष्परिणाम है।

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बसपा अध्‍यक्ष ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए आज कहा कि अमित शाह वास्तव में सबरीमाला मंदिर मामले को लेकर इतना भड़काऊ, असंसदीय व असंवैधानिक भाषण देकर धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान आदि राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में करना चाहते हैं, जो सर्वथा अनुचित है।

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उन्‍होंने आगे कहा कि वैसे तो बीजेपी द्वारा चुनावी स्वार्थ के लिये धर्म का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब इस मामले में इनकी कलई जनता के सामने खुल गई है, क्योंकि पूरे देश के लोग देख रहे हैं कि धर्म व भगवा की आड़ में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व जनहित, देशहित व विकास संबंधी अपनी तमाम कमियों व गलत नीति को छिपाना चाहता है।

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बसपा सुप्रीमो ने अमित शाह को नसीहत देते हुए कहा कि साबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश करने को महिलाओं का मौलिक व संवैधानिक अधिकार घोषित करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी को अगर आपत्ति है, तो उसके लिए उन्हें सड़कों पर हिंसा फैलाने तथा केरल की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त करने की धमकी  देने का गलत रवैये अपनाने की जगह कानूनी तौर से इसका उचित समाधान ढूंढना चाहिये।

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