आरयू वेब टीम।
दशकों से इंतजार के बाद इंडियन आर्मी को आज अखिरकार के-9 वज्र और एम-777 होवित्जर तोपें मिल गई हैं। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में नासिक के देवलाली तोपखाने केंद्र पर ‘के-9 वज्र और एम-777 होवित्जर’ तोपों को सेना में शामिल किया गया। इस दौरान इनका एक डेमो भी किया गया। इससे भारतीय सेना की आर्टिलरी क्षमता बढ़ेगी।
शुक्रवार को आयोजित समारोह में रक्षामंत्री ने कहा, ‘चार साल की छोटी अवधि में हमने दो आधुनिक तोपें सेना के बेड़े में शामिल की है। इसका श्रेय मौजूदा सरकार को जाता है। एम-777 होवित्जर तोप अमेरिका द्वारा तैयार की गई है। अभी तक भारत को 25 तोपें मिली हैं। जल्द ही 120 तोपें और मिल जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि हम कोरिया की मदद से भारत में इसका उत्पादन करेंगे। शुरुआती 10 तोपें भारत में ही असेंबल की गई हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार ‘‘के-9 वज्र’’ को 4,366 करोड़ रुपये की लागत से शामिल किया जा रहा है, यह कार्य नवंबर 2020 तक पूरा होगा। कुल 100 तोपों में 10 तोपें प्रथम खेप के तहत इस महीने आपूर्ति की जाएगी। अगली 40 तोपें नवंबर 2019 में और फिर 50 तोपों की आपूर्ति नवंबर 2020 में की जाएगी। के-9 वज्र की प्रथम रेजीमेंट जुलाई 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है।
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ये हैं इसकी विशेषताएं
यह ऐसी पहली तोप है जिसे भारतीय निजी क्षेत्र ने बनाया है। इस तोप की अधिकतम रेंज 28-38 किमी है। यह 30 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है और यह तीन मिनट में 15 गोले दाग सकती है। इतना ही नही थल सेना ‘‘145 एम777 होवित्जर’’ की सात रेजीमेंट भी बनाने जा रही है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सेना को इन तोपों की आपूर्ति अगस्त 2019 से शुरू हो जाएगी और यह पूरी प्रक्रिया 24 महीने में पूरी होगी। प्रथम रेजीमेंट अगले साल अक्टूबर तक पूरी होगी। इस तोप की रेंज 30 किमी तक है, इसे हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए वांछित स्थान तक ले जाया जा सकता है।