आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गुरुवार को गोमतीनगर के विराम खण्ड पांच में ढही तीन मंजिला अवैध बिल्डिंग को आज दूसरे दिन भी पूरी तरह से जमीदोज नहीं किया जा सका। वहीं खतरनाक हो चुकी बिल्डिंग से सुबह से लेकर शाम तक मलबा भी नहीं निकल पाया।
दूसरी तरफ आज भी दिनभर मौके पर जमा लोग मलबे में मजदूरों के दबे होने की आशंका जताते रहे। हालांकि अधिकारी मलबे में किसी के दबे होने की बात से इंकार कर रहें हैं। वहीं मलबा नहीं निकाले जाने के चलते ये बात पूरी तरह से साफ नहीं हो सकी कि मलबे में कोई है या फिर नहीं।
शुक्रवार की सुबह इमारत के बचे हिस्से को गिराने के लिए जिला प्रशासन व एलडीए की टीम पुलिसबल के साथ घटनास्थल पर पहुंची थी। इमारत के दूसरे तल की दीवार व लटक रही बीमों के अलावा आगे के कुछ हिस्से को ही शाम तक अधिकारी गिरवा सके। जिसके बाद अधिकारियों की टीम लौट गयी। इस दौरान मैन पॉवर की कमी और कार्रवाई करने गई टीम में अनुभव का आभाव भी साफ नजर आया।
दूसरी ओर पड़ोसी डॉ. बीएल रस्तोगी की तहरीर पर गोमतीनगर कोतवाली में शुक्रवार की रात बिल्डिंग मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर गोमतीनगर त्रिलोकी सिंह ने बताया कि बीएल रस्तोगी ने अशोक पाण्डेय की इमारत ढहने के चलते अपने मकान को नुकसान पहुंचने की तहरीर दी थी। जिसके आधार पर आइपीसी की धारा 427 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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आज ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान एलडीए के नजूल अधिकारी संजय कुमार पांडेय, एसीएम चतुर्थ सलिल कुमार पटेल, एलडीए के अधीक्षण अभियंता पीसी पांडेय, एई राकेश प्रताप, जेई ज्ञानेश्वर सिंह समेत अन्य मौजूद रहें।
भवन के दूसरे तल के जिस हिस्से से लोगों को खतरा था उसे गिरवा दिया गया है। अब बिल्डिंग से मलबा गिरने की आंशका नहीं है। भवनमालिक ने बाकी का हिस्सा अपने से ध्वस्त कराने की बात कही है। उसके ऐसा नहीं करने पर एलडीए उसे भी ध्वस्त कराएगा। इसके अलावा मलबे में किसी के नहीं होने की पुष्टि एनडीआरएफ की टीम ने की थी जिसके बाद ही बिल्डिंग के हिस्से को गिरवाया गया। मंगला प्रसाद सिंह, कार्यवाहक उपाध्यक्ष एलडीए