आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। प्रतियोगी परिक्षाओं में सेंध लगाकर अयोग्य को भी पास करा देने वाले एक बड़े सॉल्वर गैंग को एसटीएफ ने धर दबोचने के साथ ही उसके पास से 14 लाख रुपए कैश, 21 मोबाइल फोन व कई अन्य सामान बारामद किए हैं। एसटीएफ मुख्यालय की टीम ने ये गिरफ्तारी लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर की है।
एसटीएफ की टीम के हाथ इस गैंग के तीन मास्टमाइंड के अलावा इनके इशारे पर काम करने वाले नौ कक्ष निरीक्षक व सॉल्वर, तीन विद्यालयों के प्रिंसिपल व प्रबंधक और चार अभ्यर्थी लगे हैं। ये अभ्यर्थी गैंग के जरिए प्रतियोगी परीक्षा पास करने की जुगत मे थे।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा में धांधली करने वाले गिरोह के बारे में एसटीएफ को जानकारी मिली थी। जिसके बाद इसके खुलासे के लिए एएसपी विशाल विक्रम सिंह व उनकी टीम को लगाया गया था। एसटीएफ की पड़ताल में पता चला था कि सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड डॉ. शरद कुमार सिंह, उत्तम कुमार व चंद्रप्रकाश शुक्ला बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर में धांधली कराने मे कई सालों से लगे हैं।
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अब ये गैंग यूपी में होने वाली उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सेंघ लगाने की फिराक में है। जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर तीनों मास्टरमाइंड सहित इसमें शामिल कुल 19 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में एसटीएफ को गैंग के मास्टरमांइड शरद कुमार सिंह ने बताया कि गैंग के लोग अपने संपर्कों के जरिए ऐसे अभ्यर्थियों को ढ़ूढते थे जो परीक्षा में पास होने के बदले दस से 12 लाख रुपए देने को तैयार हो जाए। डील तय होने पर अभ्यर्थियों से उनके एडमिट कार्ड के अलावा डेढ़ से दो लाख रुपए तक एडवांस के रूप में लेते थे।
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पैसा मिलने के बाद उत्तम के माध्यम से स्कूल प्रबंधको/प्रधानाचार्यो से मिलकर रुपयों के एवज में उनसे सेटिंग कर परीक्षा हाल में अपने द्वारा भेजे गये आदमियों की ड्यूटी लगवा देते थे। अब आगे का काम ड्यूटी लगे आदमी का ये होता था कि संबंधित अभ्यर्थी को प्राप्त सिरीज का पेपर मुझे व्हाट्सएप पर भेज दे, जिसके बाद वो और चंद्रप्रकाश शुक्ला साल्वरों के जरिए पेपर साल्व कर आंसर की ड्यूटी में लगे अपने आदमी को वापस भेज देते थे। जिसके बाद ड्यूटी पर मौजूद उनका कक्ष निरीक्षक परीक्षा समाप्त होने के फौरन बाद अभ्यर्थी द्वारा खाली छोडी गयी ओएमआर शीट में मेरे द्वारा भेजी गयी आंसर की को भरने के बाद उसकी फोटो खींचकर मुझे व्हाट्सएप कर देना होता था या बाहर आने के बाद मुझे दिखा देना होता था, उसके बाद आश्वस्त होने पर हम ड्यूटी पर लगे व्यक्ति को तय की गयी रकम दे देते थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी-
सॉल्वर गैंग चलाने वाले मास्टमरमाइंड-
1- डॉ. शरद कुमार सिंह पुत्र नन्दलाल सिंह निवासी गांव कैलहट, थाना चुनार, जिला मिर्जापुर।
2- उत्तम कुमार पुत्र रामनरेश वर्मा निवासी गांव हेतमपुर, पोस्ट भैयारा, थाना जहांगीराबाद, जिला बाराबंकी।
3- चन्द्रप्रकाश शुक्ला पुत्र ब्राम्ह स्वरुप शुक्ला निवासी गांव बीरा, थाना जरिया राठ, जिला हमीपुर
गिरफ्तार किए स्कूलों के मैनेजर/प्रिंसिपल-
1- अनिल कुमार सिंह निवासी गांव मर्दानपुर, पोस्ट व थाना सादियाबाद, जिला गाजीपुर।
2- नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव यौगिक नगर त्रिवेणीनगर, थाना हसनगंज जिला लखनऊ।
3- मुकेश पटेल निवासी हरिओम नगर, थाना कृष्णानगर, जिला लखनऊ।
ये तीनों आरोपित फैजुल्लागंज के ब्राइट सन पब्लिक स्कूल, कृष्णा नगर की सिटी मॉडर्न एकैडमी और हरिहर नगर के लाल बहादुर सिंह इंटर कॉलेज में ये तीनों आरोपित प्रबंधक व प्रिंसिपल हैं।
पकड़े गए कक्ष निरीक्षक-
1- आनंद कुमार गांव सरैया पोस्ट मझगांव शरीफ, थाना फतेहपुर जिला बाराबंकी। आनंद कक्ष निरीक्षक के साथ ही सॉल्वर भी है।
2- मनोज कुमार सिंह निवासी सर्वोदय नगर, इंदिरानगर, लखनऊ।
3- आनंद वर्मा निवासी भैसुरिया, थाना फतेहपुर, जिला बाराबंकी।
4- आनंद कुमार पटेल निवासी गांव भवानापुर पोस्ट कहली, थाना बहरिया, जिला प्रयागराज।
5- वैभव कुमार निवासी गांव जेवली, थाना मसौली, जिला बाराबंकी।
6- प्रांशु वर्मा निवासी गांव दहोजिया, थाना मसौली, जिला बाराबंकी।
7- धनंजय चौधरी निवासी गांव व पोस्ट सरहरी थाना गुल्हरिया, जिला गोरखपुर।
8- संदीप कुमार निवासी गांव पिण्डसावा, थाना घुंघटेर, जिला बाराबंकी।
9- शैलेंद्र कुमार यादव निवासी राधानगर चुंगी, थाना बिलग्राम, जिला हरदोई।
एसटीएफ के हत्थे चढ़े ये अभ्यर्थी-
1- परमात्मा प्रसाद निवासी गांव व पोस्ट नेवार, थाना लालगंज, जिला बस्ती।
2- शैलेश वर्मा खोजनपुर गांव, थाना कोतवाली, फैजाबाद।
3- कमलेश कुमार विसार गांव, थाना सुजानपुर, जिला जौनपुर।
4- नीरजपाल निवासी गांव व पोस्ट वीरभानपुर, थाना बक्सा, जिला जौनपुर।
गिरफ्तार अभियुक्ता के पास से बरामद नकदी व सामान
1- 14 लाख रुपये नकद,
2- नौ निर्वाचन कार्ड,
3- 12 आधार कार्ड,
4- पांच ड्राइविंग लाइसेंस,
5- नौ अदद पैन कार्ड,
6- 21 एटीएम कार्ड,
7- सात एडमिट कार्ड,
8- 21 मोबाइल फोन,
एसटीएफ ने गाजीपुर कोतवाली में अभियुक्तों को दखिल कर उनके खिलाफ भदवि की धारा 409, 420, 467, 468, 120बी व 66 आइटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत कराया है। आगे की कार्रवाई गाजीपुर पुलिस कर रही है।
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वहीं एसटीएफ की पूछताछ के दौरान कई अन्य विद्यालयों एवं उनके प्रबंधको के नाम भी प्रकाश में आये हैं, जो गैंग की पहले मोटी रकम लेकर सहायता कर चुके हैं। एसटीएफ उनके खिलाफ भी सबूत इकट्ठा कर रही है। वहीं गैंग के अन्य सक्रिय सदस्य रविकांत वर्मा, रजनीकांत व प्रवीण फरार हैं, जिनकी गिफ्तारी के लिए भी एसटीएफ जगह-जगह दबिश दे रही है।