आरयू संवाददाता,
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद उग्र भीड़ के पुलिस टीम पर पथराव में हुई एक सिपाही की मौत पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने कांस्टेबल की मौत के मामले में 32 लोगों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज की है। दूसरी ओर पिता को खो चुके कांस्टेबल सुरेश वत्स के बेटे वीपी सिंह ने आज पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाएं हैंं।
मृतक कांस्टेबल के बेटे ने कहा कि ‘पुलिस खुद की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है। हम उनसे क्या अपेक्षा कर सकते हैं? अब मुआवजा लेकर हम क्या करेंगे? इससे पहले भी बुलंदशह और प्रतापगढ़ में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। उससे भी सबक नहीं लिया गया।
VP Singh, son of deceased constable Suresh Vats who died in Ghazipur in a stone pelting incident y'day: Police is not being able to protect their own. What can we expect from them?What will we do with compensation now?Earlier,similar incidents took place in Bulandshahr&Pratapgarh pic.twitter.com/2xgarpIDXB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2018
इस घटना के बाद गाजीपुर के सीओ सिटी एमपी पाठक ने मीडिया को बताया कि मामले में 32 लोगों को नामजद किया गया है, जबकि 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर लिखी गई है। मामले की तफ्तीश जारी है। वहीं डीएम के बालाजी ने बताया कि आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है। अन्य को चिह्नित किया जा रहा है। गिरफ्तारी के लिए टीम बना दी गई है। सीएम योगी ने मामले को संज्ञान में लिया है। मुख्यमंत्री ने मृत सिपाही के परिजनों को 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता, एक परिजन को नौकरी तथा असाधारण पेंशन दिये जाने के निर्देश दिये हैं।
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बता दें कि आरक्षण की मांग को लेकर निषाद पार्टी के लोग सरजू पांडेय पार्क में शनिवार को धरना-प्रदर्शन करने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने पीएम मोदी के कार्यक्रम के चलते अनुमति नहीं दी थी। अशांति फैलाने की आशंका पर पुलिस ने निषाद पार्टी के एक नेता को हिरासत में भी लिया था। इससे नाराज पार्टी के लोगों ने कठवामोड़ पुलिया के किनारे धरना-प्रदर्शन करने के साथ जाम लगा दिया। बताया जा रहा है कि सुरेश वत्स स्थानीय नोनहारा पुलिस स्टेशन पर तैनात थे, शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की रैली स्थल पर उनकी ड्यूटी लगी थी।
सुरेश और उनकी टीम जब वापस लौट रही थी। तभी उनके पास वायरलेस से संदेश आया कि निषाद समुदाय के लोगों का प्रदर्शन हो रहा है, उन्हें समझा-बुझाकर मामला खत्म कराया जाए। जब पुलिस टीम ने इन्हें रास्ते से हटाने की कोशिश की, तो भीड़ ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिसमें कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई।