आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस द्वारा अपनाई गयी नीति को एक बार फिर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तगड़ा झटका दिया है। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, डिंपल यादव, अक्षय यादव समेत रालोद के जयंत चौधरी और अजीत सिंह सहित मायावती वाली लोकसभा सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारने की कांग्रेस की बात पर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री सोमवार को भड़क उठी हैं। उन्होंने न सिर्फ कांग्रेस को यूपी की सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की नसीहत दी है, बल्कि सत्ताधारी दल भाजपा को हराने के लिए भी एक बड़ी बात करते हुए कहा है कि यूपी में बना उनका गठबंधन भाजपा को अकेले हराने में पूरी तरह से सक्षम है। हालांकि कांग्रेस के इस कदम पर अभी सपा और रालोद की ओर से बयान आना बाकी है।
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बसपा सुप्रीमो ने आज अपने ट्विटर एकाऊंट के जरिए ट्विट करने के साथ ही कहा कि बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी, किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। मायावती ने गठबंधन के समर्थकों को भी नसीहत देते हुए आगे कहा कि हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आये दिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें।
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वहीं अपने एक अन्य ट्विट में मायावती ने कांग्रेस से पूरी तरह से किनारा करते हुए कहा कि कांग्रेस यूपी में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है, कि वह यहां की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़े आर्थात हमारा यहां बना गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है। कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन के लिए सात सीटें छोड़ने की भ्रांति ना फैलाये।
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बताते चलें कि बसपा, सपा व रालोद के गठबंधन ने यूपी की 80 में से रायबरेली और अमेठी में प्रत्याशी नहीं उतारने की घोषणा की थी। ये दोनों सीटें कांग्रेस सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए मायावती, अखिलेश यादव व जयंत चौधरी ने छोड़ दी थी। जिसके कुछ दिन बाद ही कांग्रेस ने भी गठबंधन के दिग्गज नेताओं वाली लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की थी।
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इस घोषणा के बाद कल ही (रविवार को) कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने एक प्रेसवार्ता कर मीडिया को बताया था कि कांग्रेस ने सपा के लिए चार सीटें जिसमें से मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, कन्नौज से डिंपल यादव व एक अन्य सीट जहां से अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे, उसपर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इसके अलावा यूपी की उन तीन सीटों पर भी कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी जहां से बसपा सुप्रीमो मायावती रालोद के दिग्गज नेता जयंत चौधरी व अजीत सिंह लोकसभा चुनाव लड़ेगे।
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कांग्रेस यूपी में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है कि वह यहाँ की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़े आर्थात हमारा यहाँ बना गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है। कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन हेतु 7 सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये।
— Mayawati (@Mayawati) March 18, 2019