आरयू वेब टीम।
वाराणसी लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने के खिलाफ दायर याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही अब पूरी तरह से फाइन हो गया कि तेज बहादुर पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें इस याचिका पर सुनवाई का कोई आधार नहीं लगता लिहाजा याचिका खारिज की जाती है।
दरअसल, वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेज बहादुर चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन चुनाव आयोग ने तेज बहादुर का नामांकन तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था,जिसके बाद तेज बहादुर ने चुनाव आयोग पर संगीन आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करने की मांग की। तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा था कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
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मालूम हो कि वाराणसी में 19 मई को चुनाव होना है। तेज बहादुर यादव ने 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। इसे एक मई को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसे 19 अप्रैल, 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन नामांकन पत्र में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त नहीं किया गया।
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तेज बहादुर यादव ने कहा है कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी का आदेश दिया था जिसमें साफ था कि उसे अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था। याचिका में ये भी कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वाजिब समय भी नहीं दिया।