तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने पर बोले अखिलेश, राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांगने वाले को करना चाहिए सैनिक का सामना

अखिलेश यादव
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ/वाराणसी। वाराणसी लोकसभा सीट से गठबंधन प्रत्याशी तेज बहादुर यादव के नामांकन रद्द होने पर समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि जब वे लोग राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो उन्हें एक सैनिक का सामना करना चाहिए। अब बनारस की जनता इसका बदला लेगी।

…ऐसे लोगों को कैसे कहा जाए देशभक्‍त

मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा, “जिन लोगों ने तेज बहादुर को सिर्फ इस वजह से बर्खास्त किया कि उसने खराब खाने की शिकायत की। ऐसे लोगों को कैसे देशभक्‍त कहा जाए। जब वे लोग राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो ऐसे लोगों को एक सैनिक का सामना करना चाहिए था।”

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वहीं सपा प्रवक्‍ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने से गठबंधन की बहुत बड़ी जीत हुई है। चुनाव से पहले ही मोदी चुनाव हार गए। मोदी एक असली चौकीदार का सामना करने से डर गए। हम इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। अगर फिर भी कुछ नहीं हुआ तो हमारी दूसरी प्रत्याशी शालिनी यादव मोदी को हराएंगी।

इस संबंध में जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार के तहत नौकरी कर चुका है और उसकी बर्खास्तगी हुई भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता की वजह से हुई है तो इस स्थिति में उसे चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है, लेकिन तेज बहादुर ने यह सर्टिफिकेट अपने नामांकन के साथ नहीं दाखिल किया। उन्हें आज 11 बजे तक का समय दिया गया था।

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दूसरी ओर नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी से हार के डर से तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी कहेगी वह करेंगे। अभी पार्टी का एक प्रत्याशी मैदान में है। मोदी को हराने के लिए गठबंधन प्रत्याशी को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक मोदी को हरा नहीं देता वाराणसी से नहीं जाऊंगा।

तेज बहादुर ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी उन्हें पहले क्यों नहीं दी गई। ऐन वक्त पर क्यों बताया गया कि आज 11 बजे तक सर्टिफिकेट देना है। उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में उनका नामांकन रद्द किया गया।

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