आरयू वेब टीम। लोकसभा चुनाव के परिणाम से पहले ईवीएम और वीवीपैट पर घमासान थमता नहीं दिखाई दे रहा है। मंगलवार को विपक्ष की 22 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने ईवीएम और वीवीपैट पर अपनी चिंता को लेकर चुनाव आयोग के साथ बैठक की।
विपक्षी दलों ने मतों की गिनती से पहले ईवीएम को कहीं और ले जाने पर चिंता व्यक्त की। तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से जनादेश के सम्मान करने को कहा है। इसमें हेरफेर नहीं किया जाए। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष ने आयोग को ज्ञापन सौंपा है जिसमें सभी वीवीपैट की पर्ची के मिलान न होने पर पूरे विधानसभा के पर्ची की गिनती की मांग रखी है। विपक्ष ने ईवीएम टैंपरिंग की भी आशंका जताई। विपक्षी दलों ने आज एक सुर में चुनाव आयोग से अगर किसी पोलिंग बूथ में ईवीएम और वीवीपैट का सही मिलान न हो तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में दोबारा गिनती की जाए।
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विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि पांच पोलिंग बूथ के वीवीपैट पर्चियों का मिलान वोटों की गिनती से पहले किया जाए, न कि आखिरी राउंड की गिनती के बाद। अगर वीवीपैट मिलान गलत निकलता है तो उस विधानसभा क्षेत्र की सभी वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाना चाहिए।
बैठक कर एक मत हुए विपक्षी नेतागण
चुनाव आयोग से मिलने से पहले इस मुद्दे पर आज दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुआई में विपक्षी दलों की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, वामपंथी दलों से सीताराम येचुरी, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, सपा से रामगोपाल यादव, राजद से मनोज झा, डीएमके से कनिमोझी जैसे नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद सभी नेता ईवीएम और वीवीपैट पर अपनी चिंता को लेकर चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे।
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जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे, एग्जिट पोल ने किया मूड ऑफ
बताते चलें कि पहले चरण के मतदान संपन्न होने के साथ ही विपक्षी दल खुद को जीतता हुआ बताते हुए चल रहे थे। वहीं सातवें चरण के मतदान के समाप्त होने के बाद सामने आए एग्जिट पोल में सत्ताधारी दल भाजपा की फिर से केंद्र में सरकार बनती देख विपक्षी दलों के होश उड़े हुए हैं। भाजपा की इस संभावित जीत को विरोधी दल किसी भी तरह से स्वीकार करने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। तमाम विपक्षी दलों को मानना है कि बीजेपी ने ईवीएम में गड़बड़ी करवा दी है, वहीं कुछ का मानना ये भी है कि एग्जिट पोल में उलझाकर भाजपा बड़े पैमाने पर ईवीएम को बदलकर सत्ता में आना चाहती है।