आरयू वेब टीम। देशभर में लगातार बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताते हुए पत्र लिखने वाले 49 हस्तियों पर राजद्रोह समेत अन्य संगीन धाराओं में दर्ज हुए मुकदमें के बाद एक बार फिर इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। एफआइआर को लेकर सोशल मीडिया पर जहां बड़ी संख्या में लोग इसे ज्यादती बता रहें हैं, वहीं इसका समर्थन करने वालों की भी संख्या कम नहीं है।
वहीं अपने व अन्य 48 हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह, भावनाओं को भड़काने व अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज होने पर जाने-माने फिल्मकार श्याम बेनेगल ने आपत्ति जतायी है।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए 49 लोगों पर किए गए मुकदमें के संदर्भ में कहा है कि इस मामले का कोई मतलब नहीं बनता है, क्योंकि भीड़ की हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया खुला पत्र महज अपील थी, तो फिर ये मुकदमा क्यों, यह कोई धमकी या अन्य बात नहीं थी जो शांति बिगाड़ती या समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करती है।
संबंधित खबर- मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को खुला पत्र लिखने वाले 49 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज
मुजफ्फरपुर में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जिसमें उनके अलावा अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, मणिरत्नम, अडूर गोपालकृष्णन, सौमित्र चटर्जी, शुभा मुद्गल और इतिहासकार रामचंद्र गुहा व अन्य भी शामिल हैं।
श्याम बेनेगल ने समाचार एजेंसी पीटीआइ- भाषा’ से बातचीत में कहा कि यह पत्र महज एक अपील था। लोगों का इरादा जो भी हो, जो प्राथमिकी स्वीकार कर रहे हैं और हम पर इन सभी तरह के आरोप लगा रहे हैं, इन बातों का कोई मतलब नहीं बनता है।
संबंधित खबर- मॉब लिंचिंग: 49 हस्तियों के खिलाफ हुई FIR पर भड़के राहुल, कहा तानाशाही की ओर बढ़ रहा देश
पत्र में कहा गया था कि मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों को भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या करना तत्काल रूकना चाहिए। बिना असंतोष के लोकतंत्र नहीं होता है। जय श्रीराम भड़काऊ नारा हो गया है। वैसे अपर्णा सेन ने प्राथमिकी पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मामला अदालत के विचाराधीन है।
वहीं फिल्मकार गोपाल कृष्णन ने कहा है कि उनके और अन्य हस्तियों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने पर उन्हें बिल्कुल विश्वास नहीं होता।