हाईटेक गैंग
एसटीएफ के हत्थे चढ़ा पेपर लीक कराने वाला गैंग।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। बेहद सावधानी बरतते हुए कराई जा रही यूपीटीईटी 2019 की परीक्षा का पेपर बुधवार को लीक कराने वाले सरगना समेत पूरे गैंग को आज एसटीएफ ने प्रयागराज के सिविल लाइन क्षेत्र से धर दबोचा है। इस हाईटेक गैंग ने बेहद शातिराना ढंग से पेपर लीक कराने की पूरी तैयारी की थी। पकड़े गए गैंग सरगना व छह सदस्‍यों के पास से एसटीएफ ने पेपर लीक के लिए लाए गए 180 मोबाइल फोन, विभिन्‍न कंपनियों के 220 प्री एक्टीवेटेड सिम, एक ब्लूटूथ स्पीकर डिवाइस के अलावा इनोवा क्रिस्टा और टाटा मांजा कार, दो बाइक और चार लाख 11 हजार रुपये नकद बरामद किये हैं। पकड़े गए इस गैंग में शातिर सरगना के साथ ही एक विद्यालय का प्रबंधक, टेक्निशियन, दो सॉल्‍वर, मोबाइल व सिम डीलर के अलावा अन्‍य शामिल हैं। बुधवार रात किए गए यूपी एसटीएफ के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है।

एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार एसटीएफ की प्रयागराज फील्ड इकाई के इंस्‍पेक्‍टर केशव चंद्र राय व अतुल कुमार सिंह अपने हमराहियों के साथ आज पूर्वान्‍ह सॉल्‍वरों को पकड़ने के लिए प्‍लानिंग कर रहे थे, तभी मुखबिर से सूचना मिली कि प्रधान डाकघर के पास कुछ संदिग्ध व्यक्ति आज होने वाली यूपीटीईटी परीक्षा का पेपर लीक कराने की प्‍लानिंग कर रहे हैं। जानकारी पर एसटीएफ ने सिविल लाइन पुलिस के साथ डाकघर के समीप घेराबंदी कर सरगना समेत गैंग के सातों सदस्‍यों को धर दबोचा।

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एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार पूछताछ में गैंग के सरगना राकेश सिंह ने बताया कि आज यूपी टीईटी की दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा का पेपर आउट कराने के बाद उसे सॉल्‍वर से सॉल्‍व कराकर विभिन्न कण्डीडेट को ‘आंसर की’ उपलब्ध कराने की योजना पर काम करने के लिए पूरा गैंग जुटा था।

ऐसे काम कर रहा था गैंग

गैंग के काम करने के तरीके के बार में सरगना राकेश सिंह ने एसटीएफ को बताया कि सबसे पहले गैंग में शामिल व्यक्तियों के माध्यम से पैसे देने वाले कैन्डीडेट्स की व्यवस्था की जाती है। इसकी व्यवस्था हो जाने के बाद ऐसा परीक्षा केंद्र खोजा जाता है, जहां प्रबंधक व अन्य स्टाफ पैसा लेकर पेपर आउट कराने को तैयार हो जाये।

आज की परीक्षा के लिये थाना धूमनगंज स्थित विद्यालय ‘‘पंचमलाल आश्रम उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय’’ के प्रबंधक चंद्रमा सिंह यादव से पेपर आउट कराने की सेटिंग हुई थी। उमेश उर्फ संजय उर्फ गुरू ने कल ही अश्‍वनी कुमार श्रीवास्तव के साथ उक्‍त विद्यालय में जाकर पूरी प्लानिंग कर ली थी।

व्हाट्सएप्‍प पर सेंड करते पेपर

योजना यह थी कि आज जैसे ही परीक्षा का प्रश्‍नपत्र विद्यालय में पहुंचेगा, प्रबंधक चंद्रमा के साथ अश्‍वनी विद्यालय के स्ट्रांग रूम में जाकर प्रश्‍न पत्र की फोटो खींचेेेेगा और फिर उसे उमेश उर्फ संजय को व्हाट्सएप्‍प पर सेंड कर देगा। जिसके बाद उमेश सॉल्‍वर राजेश कुमार मिश्रा और विनोद कुमार साह के माध्यम से पेपर सॉल्‍व कराकर अमित यादव को आंसर की उपलब्ध कराएगा।

ठीक डेढ़ घंटा पहले 180 मोबाइल फोन पर आती कॉल

सरगना के अनुसार अमित यादव ने ही विभिन्‍न अभ्यार्थियों से सेटिंग की थी। 180 अदद मोबाइल में प्री-एक्टीवेटेड सिम लगे थे। प्रत्येक अभ्यर्थी को अलग-अलग नंबर दिये गये थे और बताया गया था कि परीक्षा केंद्र में घुसने के डेढ़ घंटे पहले दिये गये नंबरों पर कॉल करेगा। एक कमरे में अमित यादव और उपरोक्‍त सॉल्‍वर सभी 180 मोबाइल लेकर बैठते।

ब्‍लूटूथूथ के जरिए नोट कराते ‘आंसर की’

पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार एक ही समय पर सभी अभ्यर्थी दिये गये नंबरों पर काल करते, जिन्हें ब्लूटूथ स्पीकर डिवाइस के माध्यम से सॉल्वर सभी सीरीज की ‘आंसर की’ नोट करा देते। फिर अभ्यर्थी उस ‘आंसर की’ की चिट बनाकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर जाता और ओएमआर सीट पर सही उत्तर अंकित कर देता।

जानें इस फिल्‍मी गैंग के बारे में

गिरफ्तार अभियुक्‍तों में संजय उर्फ रमेश उर्फ राकेश सिंह उर्फ गुरू जी गैंग का मुख्य सरगना है। चंद्रमा सिंह यादव ‘‘पंचमलाल आश्रम उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय’’ का प्रबंधक है। अमित यादव उर्फ बाबू कुमार साहब रेलवे स्टेशन छिवंकी प्रयागराज में टेक्नीशियन (एस एण्ड टी) हैं और पैसे लेकर कण्डीडेट उपलब्ध करवाता है। अश्‍वनी श्रीवास्तव की डाण्डी, थाना नैनी में बजाज आटो मोबाइल की सब-डीलरशिप हैं और वह प्रबंधक तथा सरगना राकेश सिंह उर्फ गुरू जी की मध्यस्थता कर पेपर आउट कराने का काम करता हैं। राजेश कुमार मिश्रा और विनोद कुमार सह सॉल्वर का कार्य करते हैं। राजू उर्फ राजेंद्र कुमार यादव मोबाइल/सिम डीलर है तथा गिरोह को मोबाइल तथा प्री एक्टीवेटेड सिम उपलब्ध कराता है।

करोड़ों रुपए वसूलने का अंदाजा

वहीं एसटीएफ की शुरूआती पड़ताल में सामने आया है कि इस गैंग ने पेपर लीक कराने के एवज में परीक्षार्थियों से दो से पांच लाख रुपए भी वसूले थे। एसटीएफ को अंदाजा है इस प्रकार से गैंग ने सैकड़ों अभ्‍यर्थियों से करोड़ों रुपए लिए होंगे। एसटीएफ कैश रिकवरी के साथ ही उन अभ्‍यर्थियों के बारे में भी छानबीन कर रही है, जिन्‍होंने गैंग को अवैध रूप से पेपर लीक कराने के लिए नकद दिए थे।

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अब एसटीएफ अभियुक्‍तों का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। गिरफ्तार अभियुक्‍तों के विरूद्ध सिविल लाइन थाने में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। पुलिस गुरुवार को सभी सातों आरोपितों को कोर्ट में पेश करेगी।

सरगना समेत गैंग के इन सदस्‍यों की हुई गिरफ्तारी-

1-   संजय उर्फ उमेश उर्फ राकेश सिंह उर्फ गुरू जी निवासी 502 स्टर्लिंग अपार्टमेंट, अशोक नगर, जनपद प्रयागराज (गैंग का मुख्य सरगना)।

2-   चंद्रमा सिंह यादव निवासी 108 पी गंगा बिहार कालोनी, टीपी नगर, थाना धूमनगंज, जनपद प्रयगाराज (प्रबंधक, पंचमलाल आश्रम उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय)।

3-   अमित यादव उर्फ बाबू कुमार साहब निवासी न्यू बस्ती सोहबतिया बाग, हालपता ललिता निवास, गंगोत्रीनगर, डाण्डी, थाना नैनी, जनपद प्रयागराज, (टेक्नीशियन, एस एण्ड टी, रेलवे स्टेशन छिवंकी, प्रयागराज)।

4- अश्‍वनी श्रीवास्तव निवासी एडीए कालोनी, थाना नैनी, जनपद प्रयागराज मूल निवासी ग्राम सुखरामपुर, पोस्ट एवं थाना बृजमनगंज, जनपद महराजगंज।

5-   राजेश कुमार मिश्रा निवासी तिलक नगर, अल्लापुर, (साल्वर)।

6-   विनोद कुमार साह निवासी कुड़सर, पोस्‍ट अतरौल पाण्डेय, जनपद मऊ। वर्तमान पता राजापुर, प्रयागराज, (साल्वर)।

7-   राजू उर्फ राजेंद्र कुमार यादव निवासी ग्राम हटिया, थाना मऊआइमा, जनपद प्रयागराज। हाल पता अमरनाथ झा मार्ग, जार्जटाउन, प्रयागराज,(मोबाइल/सिम डीलर)।

बरामदगीः-

1-   180 मोबाइल फोन।

2-   220 प्री एक्टीवेटेड सिम कार्ड।

3-   एक ब्लूटूथ स्पीकर डिवाइस।

4-   एक स्कैनर।

5-   एक इनोवा क्रिस्टा कार।

6-   एक टाटा मांजा कार।

7-   दो मोटरसाईकिल।

8-   विभिन्न बैंको के आठ एटीएम कार्ड।

9-   तीन आधार कार्ड।

10-  एक मतदाता पहचान पत्र।

11-  एक पैन कार्ड।

12-  चार लाख 11 हजार रूपये नकद।

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