आरयू वेब टीम। लगातार कोर्ट और निर्भया के दोषियों के बीच चली खींचतान के बाद निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी की नयी तारीख तय की है। अब दोषियों को अगामी तीन मार्च को फांसी देने का फैसला हुआ है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब जो भी कानूनी प्रक्रिया है उसे 14 दिन के अंदर पूरा किया जाएगा और तीन मार्च को निर्भया के दोषियों को फांसी दी जाएगी। डेथ वारंट में कहा गया है कि तीन मार्च को सुबह छह बजे निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा।
वही कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूं कि तीन मार्च को दोषियों को जरूर फांसी हो जाए। आज की कोर्ट की सुनवाई की बात करें को कोर्ट में इस मामले पर सुबह से सुनवाई चल रही थी।
आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह ने अदालत से कहा कि वह नहीं चाहता है कि अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसकी पैरवी करें। तब अदालत ने वकील रवि काजी को उसका पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया। अदालत को यह भी सूचित किया गया कि इस मामले का अन्य मुजरिम विनय शर्मा तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर है। विनय के वकील ने अदालत से कहा कि जेल में उस पर हमला किया गया और उसके सिर में चोट आयी है।
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विनय के वकील ने यह भी कहा कि वह गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त है इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती। तब अदालत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को कानून के मुताबिक विनय का उपयुक्त ख्याल रखने का निर्देश दिया। अन्य दोषी पवन गुप्ता के वकील ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करना चाहता है।
पवन गुप्ता चारों मुजरिमों में एकमात्र ऐसा मुजरिम है, जिसने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए आखिरी कानूनी विकल्प होता है जिस पर चैम्बर में निर्णय लिया जाता है। पवन गुप्ता के पास दया अर्जी देने का भी विकल्प है। अक्षय कुमार के वकील ने अदालत से कहा कि उन्होंने नयी दया अर्जी तैयार की है जिसे राष्ट्रपति को दिया जाएगा।
अदालत निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार की अर्जियों पर सुनवाई कर रही है जिनमें इस हत्याकांड के चारों मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाने के लिए नयी तारीख मुकर्रर करने की मांग की गयी है। उच्चतम न्यायालय ने अधिकारियों को इस बात की छूट दी थी कि वे इन मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाने की नयी तारीख जारी करने की मांग को लेकर निचली अदालत जा सकते हैं। निर्भया कांड के चारों मुजरिमों को मृत्युदंड सुनाया गया था।