आरयू वेब टीम। तमाम अटकलों के बीच 21 दिनों के लॉकडाउन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने आज लॉकडाउन को 19 दिनों के लिए बढ़ाते हुए तीन मई तक जारी रखने का ऐलान किया है।
आज उन्होंने कहा कि सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब तीन मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। इससे पहले कई राज्य 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर चुके थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है,ये देखा जाएगा। छूट की ओर इशारा करते हुए पीएम ने आगे कहा जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉट स्पॉट में नहीं होंगे और जिनके हॉट स्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।
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वहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के अंत में लोगों से लॉकडाउन के दौरान खासतौर पर सात बातों का ध्यान रखने को कहा है।
पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें एक्सट्रा केयर करनी है, करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
दूसरी बात- लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करना है। घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें।
चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्प जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इसको डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देख-रेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता आप पूरी करें।
छठी बात- अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम कर रहे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, जैसे हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाईकर्मी व पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।
कोरोना से पहले, प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग थी शुरू
वहीं विपक्ष के कोरोना वायरस की रोकथाम में देर करने के आरोपों की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज सौ तक पहुंचे उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। मोदी ने आगे कहा कि अनेक जगाहों पर मॉल, थियेटर, क्लब जिम बंद किए जा चुके थे।
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भारत ने नहीं किया समस्या बढ़ने का इंतजार
प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया।
आज दुनियाभर में हो रही चर्चा
भारत ने holistic approach व integrated approach न अपनाई होती, तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती, लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये मंहगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच, भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है।
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इससे पहले आज देश के नाम अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपकी तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है।
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मैं जानता हूं, आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है, लेकिन आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं।
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प्रधानमंत्री ने संविधान का जिक्र करते हुए आज कहा कि हमारे संविधान में जिस “We the People of India” की शक्ति की बात कही गई है, वो यही तो है। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती पर, हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
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पीएम ने कहा कि लॉकडाउन के इस समय में देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं, वो बहुत प्रशंसनीय है। आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं। अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।
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उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि लॉकडाउन की बात करते हुए मैंने कहा था कि जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था तो शुरू में बल दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। देश के अधिकतर लोगों ने इस बात को समझा और घरों में रहकर अपना दायित्व भी निभाया। साथ ही पीएम ने मुख्यमंत्रियों को भरोसा दिलाया कि राज्यों से मिले सुझावों पर गौर किया जाएगा। बता दें कि ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्य में लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक कर बढ़ा दी है।
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प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन सुनने के लिए नीचे क्लिक करें-
https://youtu.be/ZhOq6JWA11k?t=26