आरयू ब्यूरो
लखनऊ। एक तरफ ईवीएम को लेकर लगातार विरोध के सुर तेज हो रहे है तो दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग नगर निगम चुनाव ईवीएम से ही कराने की बात कह रहा है। ये हालात तब है जब स्थानीय निकाय चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की ईवीएम की मांग पर केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
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दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने आज ईवीएम को लेकर लगातार पत्राचार करने की बात कही है। निकाय चुनाव तैयारियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले और तैयारियों पर चर्चा की। आयोग निकाय चुनाव तय सीमा में ही कराने की बात कह रहा है।
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स्थानीय निकाय चुनावों में राज्य निर्वाचन आयोग की प्रदेश के 14 नगर निगमों का चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से कराने की तैयारी है। बता दें कि वर्ष 2012 में भी नगर निगमों के चुनाव ईवीएम से कराये गए थे, जबकि नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव मतपत्रों से कराये हुए थे। इसकी तैयारी को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने केन्द्रीय निर्वाचन आयोग से ईवीएम मांगी थी और उन्हें मध्य प्रदेश से ईवीएम मिल भी गयी थी, लेकिन बाद में यह ईवीएम महाराष्ट्र के नगर निगम चुनाव के लिए भेज दी गयी।
अब एक बार फिर ईवीएम की मांग को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने 31 मार्च को केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है, लेकिन वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, यही हाल रहा तो राज्य निर्वाचन आयोग को नगर निगमों के चुनाव मतपत्रों से कराने पड़ सकते हैं।
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दूसरी ओर आयोग का मानना है कि ईवीएम के जरिए मतदान से लेकर मतगणना तक की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। ऐसे में जहां तक संभव होगा केन्द्रीय निर्वाचन आयोग से ईवीएम का आवंटन कराकर उनका प्रयोग किया जाएगा। हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद से ईवीएम को लेकर सपा, बसपा और आप के मोर्चो खोलने के बाद यह बात आसान नहीं लग रही है।