आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए लोगों की समस्याओं को लेकर मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। आज अपने एक बयान में अखिलेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री करोड़ों लोगों को रोजगार देने का दावा तो कर रहे है पर कहां किसको रोजगार मिल रहा है, आंकड़ों का कुछ पता नहीं है।
यूपी में लौटे प्रवासी मजदूरों की बात करते हुए अखिलेश ने मीडिया से कहा है कि, जो बाहर से आए हैं वह सब अकुशल श्रमिक ही नही हैं, कुशल कारीगरों को कहां रोजगार मिल रहा है? जबकि यूपी में अभी न तो उद्योग चल रहें हैं और न ही नए उद्योग लग रहें हैं। सरकार की ओर से पूंजी निवेश की कहानियां बताई जाती हैं, लेकिन उसका भी जमीन पर कुछ अता-पता नहीं है।
हमला जारी रखते हुए यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि यूपी में लोगों के पास रोजगार नहीं है। बहुत से श्रमिक फिर वापस जाने को बेताब हैं। रोजगार न मिलने से इटावा में मुंबई से लौटे युवक ने खुदकुशी कर ली। उसका शव पेड़ पर लटका मिला। बांदा में भी एक मजदूर ने फांसी लगा ली। विधूना में 35 वर्षीय प्रिंस एक दूकान में काम करता था, नौकरी छूटने पर उसने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उसका एक साल का बेटा है। ये घटनाएं मुख्यमंत्री के रोजगार के दावों की पोल खोलती है और जनमानस को विचलित करती हैं।
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अखिलेश ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि जुमलों में खुशियां बांटने वाले मुख्यमंत्री के वीवीआइपी जनपद गोरखपुर में शौचालय निर्माण के नाम पर अरबों रूपए का काला धंधा उजागर हुआ है। गांवों में शौचालय अधूरे पड़े हुए है फिर भी जनपद को ओडीएफ मुक्त घोषित कर दिया गया है। खातों में आवंटित धन भी निकाल लिया गया है। जनपद कानपुर में भी शौचालय बने पर एक साल से उस पर छत नहीं पड़ी। लोगों ने अधूरे बने शौचालयों में कंडे-भूसा भर दिया है।
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इतना ही नहीं विकास में भागीदार बने किसानों को भाजपा धोखा दे रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बीच में पड़ने वाले हलियापुर के किसानों को 144 करोड़ रूपए का मुआवजा बांटने में हीलाहवाली हो रही। समाजवादी सरकार से भाजपा सीख ले। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में बिना विवाद सभी किसानों को मुआवजा मिल गया था।