आरयू वेब टीम। राजस्थान के स्पीकर सीपी जोशी ने 19 विधायकों को अयोग्य घोषित करने से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही आज केस की सुनवाई हुई, स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने याचिका वापस लेने की इच्छा जताई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापस लेने को मंजूरी दी।
स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अब राजस्थान हाई कोर्ट में 10वीं शेड्यूल के प्रावधानों को चुनौती पर सुनवाई शुरू हो गई है। हम पहले जो मसला लेकर आए थे, सुनवाई उससे आगे बढ़ चुकी है। हम विचार करके जरूरत के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट आएंगे।
जिसके बाद जजों ने याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी। सिब्बल ने कहा, “हाई कोर्ट ने 24 जुलाई को आदेश पारित किया जिसमें कई मामलों को उठाया गया और हमें अपने कानूनी विकल्पों पर विचार करना होगा।”
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दरअसल रविवार को बहुजन समाज पार्टी ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने का व्हिप जारी किया। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा, ‘सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी करके सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और संविधान की दसवीं अनुसूची के पारा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है।’
वहीं सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं तो वो विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे। उन्होंने बताया, ‘नोटिस में आगे कहा गया है कि वो बसपा के व्हिप का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वो विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे।‘