आगरा में भेदभाव के चलते चिता से हटवाया गया दलित महिला का शव, मायावती ने कहा दोषियों को मिलें सख्‍त सजा

धार्मिक विवाद
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश का आगरा एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां एक महिला की लाश चिता से हटवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। लाश को चिता से सिर्फ इसलिए उतरवा दिया गयी कि वह महिला दलित थी। करीब चार दिन पहले हुई इस घटना को आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अति शर्मनाक बताते हुए दोषियों के लिए सख्‍त सजा कि मांग की है।

यूपी की पूर्व सीएम ने मंगलवार को ट्विट कर कहा कि यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान घाट उच्च वर्गों का था, जो अति शर्मनाक व अति निंदनीय भी है।

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वहीं अपने एक अन्‍य ट्विट में मायावती ने आगे कहा कि इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना कि फिर से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है।

बसपा सुप्रीमो ने केजरीवाल सरकार पर बोला हमला

इसके अलावा आज अपने तीसरे व अंतिम ट्विट में केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके (डॉक्‍टर के) परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।

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