विरोधियों पर भड़कीं मायावती, ये लोग कांशीराम के नाम का इस्‍तेमाल कर रोटी सेकने में लगे, नसीमुद्दीन को लेकर भी कह दी ये बात

हिंदुत्ववादी की होड़
बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती के मौके बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही मायावती ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि स्‍वार्थ के हाथों बिके लोगों का  कांशीराम जी की त्याग व तपस्या से कोई लेना-देना है, जबकि इनके मामले में सच्चाई यह है कि ये लोग केवल उनका नाम इस्तेमाल कर अपनी ‘‘रोटी-रोजी’’ सेकने में ही लगे हैं।

मायावती ने कहा कि कांशीराम जी ने अपनी पूरी जिंदगी बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर के बाद, उनके रुके हुए व अधूरे कारवां को गति देने में समर्पित की, जबकि शुरू में उन्होंने बाबा साहब के मूवमेन्ट को चला रहे लोगों को अपना हर प्रकार का सहयोग देकर, उन्हें आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन उनके देखते-देखते ही उनकी मूवमेंट से जुड़े खासकर प्रमुख लोगों के अलग होने से व उनके जातिवादी पार्टियों के हाथों में बिक जाने की वजह से कांशीराम ने खुद उनकी मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने का कार्य अपने हाथों में ले लिया, जिसे इन्होंने अपने जीते-जी काफी कुछ आगे भी बढ़ाया है। जिसे रोकने व खत्म करने के लिए, उनके जीते-जी व देहांत के बाद भी अभी भी इस किस्म के स्वार्थी व बिके हुए लोग पर्दे के पीछे से हमारी विरोधी पार्टियों के हाथों में खेल रहे हैं।

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बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसे लोगों का बाबा साहब के मूवमेंट और कांशीराम की त्याग व तपस्या से कोई लेना-देना नहीं है, जबकि सच्चाई यह है कि ये लोग केवल उनका नाम इस्तेमाल कर अपनी ‘‘रोटी-रोजी’’ सेकने में ही लगे हैं। इतना ही नहीं कांशीराम ने, इस किस्म के ‘‘बिकाऊ व स्वार्थी’’ लोगों से भोले-भाले दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को सावधान करने के खास उद्देश्य से ‘‘चमचा युग’’ के नाम से खुद एक किताब भी लिखी थी।

बसपा सुप्रीमो ने मीडिया को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज मैं अपनी पार्टी के लोगों को यह भी याद दिलाना चाहती हूं कि कांशीराम जी अपने जीते-जी हमेशा अपनी पार्टी के लोगों को खासकर जातिवादी मीडिया से सावधान रहने की सलाह देते रहे है और इस मामले में अक्सर वो कहते थे कि जातिवादी मीडिया हमारी, ज्यादातर वो खबरें दिखाता है, जिससे हमारी पार्टी के लोग गुमराह हो जाएं। इसके साथ ही जो खबरें, हमारी पार्टी को फायदा पहुंचाने वाली होती है तो उनको वे ज्यादातर तोड़-मरोड़ के ही मीडिया में देता है या फिर वे उनको दिखाते नहीं है।

इस दौरान मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी का उदाहरण देते हुए कि उसके बारे में आपको यह जरूर मालूम होगा कि जब हमारी पार्टी ने, इनको पार्टी विरोधी गंभीर कारणों से, पार्टी से निकालकर बाहर किया था और उसके बाद, जब इन्होंने दिल्ली में जाकर कांग्रेस के बडे़ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन की थी तो तब पूरे देशभर के मीडिया ने उसे ऐसे दर्शाया था कि जैसे उत्तर प्रदेश में बसपा से जुड़ा मुसलमान पूरा का पूरा अब कांग्रेस पार्टी के साथ चला जाएगा, जबकि यह व्यक्ति कांग्रेस के लिए खोदा पहाड़ और निकला चूहा की तरह ही साबित हुआ।

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