आरयू ब्यूरो, लखनऊ/महोबा। कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी हत्या केस में मंगलवार को दो नामजद अभियुक्तों सुरेश सोनी व ब्रह्मदत्त तिवारी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। इस मामले में महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त तिवारी सहित कुछ पुलिसकर्मी आरोपित बनाए गए हैं।
वहीं अब इस मामले की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने एसआइटी का गठन किया है जो सात दिनों में शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम का नेतृत्व वाराणसी के आइजी रेंज विजय सिंह मीणा करेंगे। डीआइजी शलभ माथुर और एसपी अशोक कुमार त्रिपाठी इसके सदस्य होंगे। एसआइटी आइपीएस मणिलाल पर लगे रंगदारी वसूलने के आरोपों के अलावा इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के पीछे के कारणों की जांच भी करेगी।
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मालूम हो कि इंद्रकांत त्रिपाठी ने बीते सात सितंबर को एक वीडियो संदेश के जरिए आइपीएस मणिलाल पाटीदार पर रंगदारी वसूलने, उत्पीड़न करने और झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया था और अपनी हत्या की आशंका जताई थी। इसके अगले दिन इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में लहूलुहान हालत में मिले थे।
इंद्रकांत त्रिपाठी को गोली मारी गई थी, जिसके बाद उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्तपाल में भर्ती कराया गया था, जहां इंद्रकांत को पैरालिसिस अटैक पड़ा और बीते 11 सितंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोबा कारोबारी के वीडियो संदेश का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन महोबा एसपी को सस्पेंड कर दिया था और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13 और आइपीसी की धारा 387, 307 और 120 बी के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।