नौकरियों में पांच साल संविदा का प्रियंका ने जताया विरोध, कहा मरहम लगाने की जगह सरकार ला रही दर्द बढ़ाने की योजना

पांच साल संविदा

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सरकारी नौकरियों के समूह ‘ग’ व ‘घ’ में भर्ती के बाद पांच सालों तक संविदा पर रखने के योगी सरकार के संभावित फैसले का मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विरोध जताया है। संविदा को प्रियंका ने सरकारी नौकरियों से समन्‍ना विदा करने जैसा बताते हुए कहा है कि सरकार युवाओं के दर्द पर मरहम लगाने की जगह उनका दर्द बढ़ाने की योजना ला रही है।

प्रियंका ने आज ट्विट करते हुए कहा है कि संविदा नौकरियों से सम्मान विदा करने जैसा है, जबकि पांच साल की संविदा युवा अपमान कानून है।

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साथ ही कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी इस तरह के कानून पर अपनी तीखी टिप्पणी की है। सवाल उठाते हुए उन्‍होंने आगे कहा है कि इस सिस्टम को लाने का उद्देश्य क्या है? सरकार युवाओं के दर्द पर मरहम न लगाकर दर्द बढ़ाने की योजना ला रही है। ट्विट के अंत में उन्‍होंने हैश टैग नहीं चाहिए संविदा के साथ अपनी बात समाप्‍त की है।

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बताते चलें कि इससे पहले सोमवार को भी प्रियंका गांधी ने पांच साल की संविदा का विरोध किया था। प्रियंका ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि इलाहाबाद के प्रतियोगी छात्र राजीव पटेल की आत्महत्या कान में रुई डाले बैठी यूपी सरकार के लिए एक चेतावनी है। नौकरियों पर लगे ग्रहण से युवा हताश हैं। उनकी आवाज सुनने की बजाय सरकार ने पांच साल संविदा का अपमानजनक फैसला थोप दिया। युवाओं, धैर्य रखिए, इस रोजगार विरोधी सरकार से हम लड़ेंगे।

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