आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बलिया के रेवती थाना क्षेत्र में पुलिस फोर्स व प्रशासनिक अफसर के सामने युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने का मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह ऊर्फ डब्बू सिंह आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंच गया है। रविवार को राजधानी लखनऊ में एसटीएफ की टीम ने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के करीबी बीजेपी कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह को मुखबिर की सूचना पर गाजीपुर थाना क्षेत्र के पॉलीटेक्निक चौराहे के पास से सही सलामत गिरफ्तार किया है।
तीन दिनों से पुलिस व एसटीएफ की टीम को छकाने व 50 हजार का ईनाम घोषित होने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि सनसीखेज हत्याकांड को अंजाम देकर विपक्ष को यूपी सरकार पर हमला बोलने का मौका देने वाले धीरेंद्र सिंह भागने की फिराक में पुलिस या एसटीएफ की गोली का शिकार हो सकता है, हालांकि धीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी ने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है।
संबंधित खबर- बलिया हत्याकांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र का बचाव करने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह को CM योगी ने किया तलब
वहीं एसटीएफ की टीम ने धीरेंद्र से पूछताछ करने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार रात ही बलिया ले जाकर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। जहां पुलिस आगे की कार्रवाई करने के साथ ही सोमवार को उसे कोर्ट में पेश करेगी।
एसटीएफ नहीं बरामद कर सकी असलहा
आज सुबह धीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार करने के बाद एसटीएफ की टीम ने घंटों तक लखनऊ में ही उससे पूछताछ की, लेकिन धीरेंद्र ने हत्या में इस्तेमाल असलहे की बरामदगी नहीं कराई। एसटीएफ ने उसके पास से आधार कार्ड के अलावा मात्र एक हजार रुपए बरामद किया है।
संबंधित खबर- आखिरकार मारा ही गया दुर्दांत विकास दुबे, गाड़ी पलटने के बाद पुलिस ने किया एनकाउंटर
एसटीएफ के अनुसार धीरेंद्र ने पूछताछ में बताया है कि 15 अक्टूबर को राशन की दुकान को लेकर करीब दो हजार लोग दुर्जनपुर गांव में दोनों पक्षों की ओर से इकट्ठा हुए थे। एक पक्ष उसका था, जबकि दूसरा कृष्ण कुमार यादव व उनके घर के लोगों का था। पुलिस व प्रशासन के लोग भी वहां मौजूद थे।
पहले विपक्षियों ने चलाई गोली
धीरेंद्र ने एसटीएफ के सामने दावा किया है कि कोटे के आवंटन को लेकर पंचायत के सामने कृष्ण कुमार यादव व उनके साथियों के साथ कहा-सुनी हो गयी। इसी बीच विपक्षियों द्वारा गोली चला दी गयी, जिसमें उसका भतीजा गोलू सिंह व घर की पांच-छह औरतें घायल हो गयीं। जिसके जवाब में इन लोगों द्वारा फायर किया गया, जिसमें जय प्रकाश पाल उर्फ गामा पाल जो कृष्ण कुमार यादव की तरफ से आया था वह मारा गया।
संबंधित खबर- बलिया: SDM-CO के सामने भाजपा नेता ने कर दी युवक की गोली मारकर हत्या, CM ने दोनों अफसरों समेत पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
इस संबंध में पुलिस ने उसके भाई नरेंद्र प्रताप सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह व उसके साथी संतोष यादव, अमरजीत यादव व उसके अन्य रिश्तेदार प्रयाग सिंह, प्रभात सिंह के खिलाफ रेवती थाने में भदवि की धारा 147/148/149/302/323/504 व 506 के अलावा 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस मुकदमें में वांटेड नरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, संतोष यादव व अमरजीत की गिरफ्तारी पूर्व में हो चुकी है, जबकि फरार प्रयाग सिंह व प्रभात सिंह के बारे में उसे नहीं पता, कि दोनों इस समय कहां हैं।
गिरफ्तारी में इनकी रही अहम भूमिका
पुलिस व एसटीएफ के लिए तीन दिन से चुनौती बने डब्बू सिंह की गिरफ्तारी में मुखबिर के अलावा एसटीएफ के इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार वर्मा, उप निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह, आरक्षी राजीव सिंह व सुनील राय ने अहम भूमिका निभाई है।