वीसी साहब! अवैध निर्माण के लिए सिर्फ जनता नहीं है जिम्‍मेदार

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। सरकार बदलने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण के प्रति अपना नजरिया भी बदल लिया है। जिन बिल्डिंगों को सालों तक एलडीए के भ्रष्‍ट तंत्र ने संरक्षण देकर ऊंचाईयां प्रदान की अब उन्‍हीं भवनों को मिट्टी में मिलाने की तैयारी कर रहा हैं। हालांकि तैयारी में कितना दम है ये आने वाले समय में साफ हो पाएगा।

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आंकड़ों के आधार पर अगर पिछले एक महीने की बात की जाए तो सिस गोमती में 83 जबकि ट्रांस गोमती में 32 अवैध निर्माण को गिराने का आदेश हो चुका है। एलडीए की इस तेजी से जहां नियम-कानून को जूते की नोक पर रखकर अवैध निर्माण कराने वालों में दहशत है, वहीं अवैध निर्माण से त्रस्‍त हो चुकी जनता के बीच एलडीए के इस फैसले को काफी सराहा जा रहा है।

हालांकि आम जनता समेत एलडीए की कार्रवाई की जद में आए अवैध निर्माण के मालिकों ने एलडीए के फैसले को पक्षपातपूर्ण के साथ ही स्‍वार्थ भरा बताते हुए सवाल उठाना शुरू कर दिया  है। लोगों का कहना है कि जिन बिल्डिंगों के ध्‍वस्‍तीकरण के आदेश पारित कर एलडीए योगी सरकार के सामने अच्‍छी इमेज बनाने की कोशिश कर रहा है, वह पूरी तरह से सही नहीं है।

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अवैध निर्माण के मालिकों का भवन गिराकर उन्‍हें आर्थिक क्षति पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। उनके नाम पते मीडिया के जरिए समाज में फैलाकर बदनामी की जा रही है, लेकिन अपने इंजीनियर, अधिकारियों का एलडीए नाम तक नहीं ले रहा है।

जबकि अवैध निर्माण रोकने के लिए ही एलडीए ने शहर में भारी-भरकम टीम तैनात की थी, अखिर महीनों, सालों में तैयार होने वाले अवैध निर्माण को उसने क्‍यों नहीं रोका। इस सवाल का जवाब समझने वाले के लिए आइने की तरह साफ है।

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वहीं हाल ही में कार्रवाई की जद में आए पुराने लखनऊ क्षेत्र के एक अवैध निर्माण के मालिक ने नाम न सामने लाने की शर्त पर बताया कि एलडीए इंजीनियर अवैध निर्माण के एवज में हर महीने की फिक्‍स डेट पर पैस ले जाते थे। इसके एवज में अभियंता ने यह यकीन दिलाया था कि राजधानी में इतने अवैध निर्माण हो चुके हैं कि एलडीए के बस में भी नहीं है उन पर लगाम लगाना। अब ध्वस्‍तीकरण के आदेश हो जाने के बाद इंजीनियर कॉल तक रिसीव नहीं कर रहा है।

अवैध निर्माण रोकने के लिए पूर्व वीसी ने बनाई थी इनकी टीम-

कभी एक तो कभी दो अधिशासी अभियंता, चार सहायक अभियंता, 40 अवर अभियंता, तीन बाबू, करीब 40 सर्वेयर। इस टीम पर अकसर ही जनता अदालत, प्राधिकरण दिवस समेत पूर्व वीसी के कार्यालय पहुंचकर आम जनता से लेकर वीआईपी लोग अवैध निर्माण कराने के एवज में धन उगाही का आरोप लगाते रहें हैं।

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हालांकि कार्रवाई करने के बजाए अपने दो बार के कार्यकाल में पूर्व वीसी सत्‍येंद्र सिंह यादव शहर में चार से पांच लाख अवैध निर्माण होने की बात बताते हुए उनमें बिजली, पानी और सीवर कनेक्श्‍न देने वाले विभागों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखने की बात मीडिया के सामने रटते रहे।


पहले अवैध निर्माण हम तोड़ लें, फिर इसके लिए जिम्‍मेदार इंजीनियरों व अन्‍य लोगों के खिलाफ भी एक्‍शन लिया जाएगा। एलडीए उपाध्‍यक्ष, पीएन सिंह

लंबे समय से एलडीए और शासन इंजीनियरों पर मेहरबान रहा है, यहीं वजह है कि हर बार बाबूओं पर ही गाज गिराकर कार्रवाई पूरी कर ली जाती है। शिव प्रताप सिंह, कर्मचारी संघ अध्‍यक्ष