आरयू ब्यूरो, लखनऊ। शनिवार को पदयात्रा निकालने के दौरान गिरफ्तार किए गए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज मीडिया से बात की। पुलिस द्वारा अपने आवास पर नजरबंद रखे जाने के दौरान प्रेसवार्ता कर प्रदेश अध्यक्ष न सिर्फ जमकर योगी सरकार पर बरसे, बल्कि आए दिन हिरासत में लिए जाने से नाराज अजय लल्लू ने मीडिया के माध्यम से ही सीएम योगी से सवाल किया है। लल्लू ने कहा कि अब यूपी के मुख्यमंत्री खुद ही बताएं कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ हम किस दिन सभा, आंदोलन व पदयात्रा करें।
…तो सरकार क्यों रोक रही
प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि यूपी में आज अघोषित इमरजेंसी है। अगर गाय माता व किसानों को बचाने के लिए कांग्रेस पदयात्रा करना चाहती है तो सरकार क्यों रोक रही है? कांग्रेस ने “गाय बचाओ-किसान बचाओ” यात्रा निकालने का संकल्प लिया और कल उसी के तहत हम लोगों ने ललितपुर से गाय बचाओ-किसान बचाओ पदयात्रा निकाली, लेकिन कल रात तक हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने आज उन्हें उनके ही आवास में कैद कर दिया है, लेकिन योगी सरकार लाख दमन कर ले, फर्जी मुकदमा लिखें, जेल भेजे, गौमाता और किसान को बचाने के लिए कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता सरकारी दमन का मुकाबला करने के लिए तैयार है।
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सीएम योगी गाय को गुड़ और रोटी खिलाकर सिर्फ…
योगी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए लल्लू ने कहा कि पूरे यूपी की गौशालाओं में गाय माता सरकारी अभाव और सरकारी उदासीनता के नाते तड़प-तड़प कर मर रही हैं। न चारे का इंतजाम है और न ठंड से बचने का उनके पास कोई साधन और व्यवस्था है, न टिन शेड की व्यवस्था है। ललितपुर से जो वीडियो आया, वायरल हुआ वह तस्वीर अपने आपमें काफी विचलित करने वाली थी। मैनपुरी, आगरा, बुन्देलखण्ड ही नहीं प्रदेश के सभी लगभग अधिकांश जिलों की स्थिति कमोवेश यही है। जबकि सीएम योगी गाय को गुड़ और रोटी खिलाकर सिर्फ दिखावे के लिए अपनी फोटो वायरल करवाते रहते हैं।
लल्लू ने आगे कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र लिख कर इसके लिए सरकार को सुझाव दिया। सरकार को उस पर कदम उठाना चाहिए था, लेकन सरकार ने उनकी भी नहीं सुनी।
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वहीं किसानों की बात करते हुए अजय लल्लू ने कहा कि किसान कर्ज के बोझ से मजबूर किसान लगातार आत्महत्या कर रहा। सरकार ने आय बढ़ाने की स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने की और साथ ही साथ किसानों के कर्जमाफी की बात की थी, लेकिन कर्जमाफी तो छोड़िये सरकार ने फसलों का मुआवजा तक देने का काम नहीं किया। यूपी से करीब 50 लाख से अधिक किसानों का हस्ताक्षर इस बात का गवाह है यहां का किसान भी नए काले कानूनों का विरोध कर रहा है।