कांग्रेस ने आवारा पशुओं को बताया किसानों की सबसे बड़ी समस्‍या, योगी सरकार से की फसल रखवाली भत्‍ता, मुआवजे व आयोग गठन की मांग

खनन माफिया

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। आवारा पशुओं की समस्‍याओं से जूझ रहे किसानों के लिए शनिवार को कांग्रेस ने आवाज उठाई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने आज योगी सरकार से मांग की है कि आवारा पशुओं के चलते खराब हुई फसलों के लिए सरकार न सिर्फ किसानों को मुआवजा दें, बल्कि भविष्‍य की स्थिति से निपटने के लिए किसानों को फसल रखवाली भत्‍ता भी दें जिससे कि किसान अपनी फसलों की सुरक्षा का व्‍यापक प्रबंध कर सके। साथ ही किसानों की समस्‍याओं को देखते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार किसान आयोग का बिना देर किया गठन करें।

आज अपने एक बयान में अजय कुमार लल्‍लू ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली को सवालों के घेर में खड़ा करते हुए कहा कि उत्‍तर प्रदेश में किसान छुट्टा पशुओं द्वारा बर्बाद की जा रही फसलों से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। फसलों की बर्बादी की वजह से आगरा, महोबा, कौशांबी, इलाहाबाद, गोरखपुर, महराजगज, लखीमपुर खीरी, अमरोहा सहित विभिन्न जनपदों में पिछले एक से डेढ़ माह में दर्जनों किसान अपनी जान दे चुके हैं।

आवारा पशुओं को किसानों की सबसे बड़ी समस्‍या बताते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि साड़ों के हमले से भी तमाम किसानों की जान जा चुकी है, जबकि बड़ी संख्‍या में किसान व अन्‍य लोग बुरी तरह घायल हो चुके हैं। सड़कों पर भी आये दिन अवारा पशु दुर्घटना का कारण बन रहे हैं और राहगीरों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ रही है, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी योगी सरकार अभी तक न तो अवारा पशुओं से किसानों की फसल बचाने के समुचित प्रबंध कर सकी है और न ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया है।

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आंकड़ों की बात करते हुए लल्‍लू ने आज मीडिया से कहा कि साल 2014 के बाद किसान आत्महत्या दर 45 प्रतिशत बढ़ी है और सरकारी आंकड़े के हिसाब से प्रतिदिन 35 किसान जान दे रहें हैं। उत्‍तर प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों ने साल 2014 के बाद आत्‍महत्‍याएं की हैं।

वहीं योगी सरकार के उठाएं गए कदम पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार गोवंश संरक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर किसानों की फसलें बर्बाद कर देने पर तुली है। परेशान किसान सरकारी स्कूलों और कार्यालयों के भवनों में छुट्टा जानवरों को कैद कर धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं, क्योंकि सरकार छुट्टा जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए तार के बाड़ लगाने की अनुमति नहीं दे रही। किसान का जीवन उसकी फसल पर निर्भर होता है उसी से वह अपने परिवार का पालन-पोषण, चिकित्सा, शिक्षा हर जरूरतों की पूर्ति करता है, लेकिन उसकी फसलें छुट्टा जानवरों की भेंट चढ़ रही है।

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उन्होंने कहा कि सरकार की तमाम घोषणाओं के बाद भी आज किसानों को कहीं से भी राहत नहीं मिल रही और यह समस्या दिनों-दिन और  विकराल होती जा रही है। सरकार ने जिन गौशालाओं को निर्माण भी वह भी भ्रष्टाचार की शिकार हैं। गौशालाओं में चारे और चिकित्सा के अभाव में गौवंश आये दिन अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं।

किसानों के लिए मांग करते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने मीडिया से कहो कि योगी सरकार छुट्टा पशुओं से पीड़ित किसानों को रखवाली भत्‍ता दे। बीते तीन सालों में अवारा पशुओं द्वारा बर्बाद की गयी फसलों का उचित मुआवजा दे। गांव-गांव में गौशालाओं का समुचित निर्माण एवं प्रबंधन  किया जाए। साथ ही प्रदेश सरकार नई किसान नीति बनाकर किसानों के लिए विशेष बजट का प्रावधान करे एवं किसान आयोग का अविलंब गठन किया जाए।

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