आरयू इंटरनेशनल डेस्क। भारत में केंद्र सरकार द्वारा पास किए तीन कृषि कानून को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने प्रतिक्रिया दी हे। आइएमएफ ने भारत सरकार द्वारा पेश किए गए तीन नए कृषि कानूनों की तारीफ करते हुए कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों में कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने की क्षमता है।
साथ ही आइएमएफ ने कहा कि नए सिस्टम में जाने के दौरान जिन लोगों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी बहुत जरूरी है। आइएमएफ के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे।
राइस ने वाशिंगटन में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारा मानना है कि कृषि कानूनों से भारत के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार होगा और इससे किसानों को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों की वजह से किसान सीधे विक्रेताओं से संपर्क करने में सक्षम बनेंगे, दलालों की भूमिका कम होने से किसानों को अधिक फायदा होगा और इससे ग्रामीण विकास को समर्थन मिलेगा।
यह भी पढ़ें- अगले आदेश तक कृषि कानूनों को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कमेटी के लिए सुझाए चार नाम
भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल पर राइस ने कहा कि इन नए कानूनों की वजह से प्रभावित होने वाले संभावित किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों की वजह से प्रभावित होने वालों को रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए।
इसके अलावा राइस ने कहा कि इन कानूनों से मिलने वाले लाभ इनकी प्रभाविकता और इनके लागू करने के समय पर निर्भर करेंगे, इसलिए सुधार के साथ उन मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। हजारों किसान, खासकर पंजाब और हरियाणा के, दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। वह तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग कर रहे हैं।
पिछले साल सितंबर में सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों को पेश करते हुए कहा था कि यह देश के कृषि क्षेत्र में सबसे बड़े सुधार लेकर आएंगे, जो दलालों को खत्म करेंगे और किसानों को पूरे देश में कहीं भी उत्पाद बेचने की अनुमति देगा।