बोले अखिलेश, बिना राय के किसानों पर थोपे गए कृषि कानूनों पर अब भी हठधर्मी दिखा रही भाजपा सरकार

हठधर्मी
अखिलेश यादव। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। नए कृषि कानूनों को लेकर जहां किसानों का दो महीनों से ज्‍यादा समय से आंदोलन जारी है। वहीं विपक्ष भी लगातार मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। रविवार को इसी मुद्दे को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोलने के साथ ही किसानों की समस्‍याओं की ओर बात करते हुए योगी सरकार को भी निशाने पर लिया है। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा सरकार किसानों के दुख दर्द का एहसास अभी भी नहीं कर रही। उसे झूठे भुलावों में फंसाये रखना चाहती है। किसानों की राय के बिना थोपे गए कृषि कानूनों पर अभी भी भाजपा सरकार हठधर्मी दिखा रही है जबकि किसानों के पक्ष में उमड़ा जनभावना का अभूतपूर्व सैलाब दर्शाता हैं उनसे आम जनता कितना दुखी है।

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आम जनता को भाजपा ने बस सताया

अपने एक बयान में आज अखिलेश ने कहा है कि भाजपा की प्राथमिकता में किसान और खेती नहीं, उद्योगपति और बड़े पूंजी घराने हैं। बीजेपी सरकार ने नोटबंदी, जीएसटी, श्रम कानून और कृषि कानून लाकर खरबपतियों को ही फायदा पहुंचाने वाले नियम बनाए हैं, आम जनता को तो भाजपा ने बस सताया ही है।

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का अभी भी दस हजार करोड़ बकाया

योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए सपा अध्‍यक्ष ने कहा कि किसान भाजपा सरकार के कार्यकाल में चौतरफा मार का शिकार है। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का अभी भी लगभग दस हजार करोड़ रूपए बकाया है। मिल मालिक न सरकार के दबाव में है, न किसानों को बकाया भुगतान करने के मूड में है। अकेले बांदा में 7065 किसानों का भुगतान मिलों ने नहीं किया है। गन्ना किसान खून के आंसू रो रहे हैं, धान किसान भी मुसीबत में है। धान क्रय केंद्र एक तो सभी जनपदों में खुले नहीं, जहां खुले थे वहां किसानों के धान की खरीद नहीं हुई। क्रय केंद्र प्रभारी और बिचैलियों की साठगांठ के चलते किसान को औने-पौने दाम में अपना धान देने को मजबूर होना पड़ा है। धान का निर्धारित समर्थन मूल्य तो बस मुख्यमंत्री की कागजी घोषणा बनकर रह गया।

मुख्यमंत्री बताएंं किसानों का बकाया किस तारीख को होगा भुगतान 

सीएम की घोषणा पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि अब मुख्यमंत्री गेहूं खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रानिक प्वांइट आफ परचेज) मशीनों से कराने का किसानों को सपना दिखा रहे हैं। उन्होंने उपज का भुगतान 72 घंटे के भीतर करने को भी कहा है। बेहतर होता मुख्यमंत्री जी एक बार इस बात की भी समीक्षा कर लेते कि चीनी मिल मालिकों पर अभी तक गन्ना किसानों का कितना भुगतान बकाया है? धान क्रय केंद्र पर कितने किसानों को एमएसपी का भुगतान नहीं हुआ? मुख्यमंत्री जी बताए किसानों का बकाया किस तारीख को भुगतान होगा? अब गेहूं खरीद में जो मशीन लगेगी उनके प्रयोग का प्रशिक्षण कौन देगा? अब तक इसकी क्या व्यवस्था हुई है?