आरयू वेब टीम। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष के लिये जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा। यह अनुमान केंद्रीय बजट में जतायी गयी संभावना के अनुरूप है। मुद्रा स्फीति के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहने की उम्मीद है।
इसको देखते हुए खुदरा मुद्रा स्फीति चालू तिमाही में कम होकर 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है। वहीं अगले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.3 प्रतिशत पर रह सकती है। उन्होंने कहा कि वृद्धि परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और टीकाकरण अभियान से आर्थिक पुनरूद्धार को गति मिलेगी।
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दास ने कहा ककि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट की घोषणा के बाद आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर दस से 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आरबीआइ गवर्नर ने यह भी कहा कि सरकार मार्च अंत तक मुद्रास्फीति लक्ष्य की समीक्षा करेगी। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति को सालाना महंगाई दर 31 मार्च 2021 तक दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी गयी हुई है।