RBI: रेपो रेट में नहीं कोई बदलाव, सस्ती EMI के लिए करना होगा इंतजार

रेपो रेट

आरयू वेब टीम। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई है। जिसके बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेसवार्ता कर समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा की। अगले कुछ महीने अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। आरबीआई ने रेपो रेट स्थिर रखी है यानी ग्राहकों को सस्ती ईएमआई के लिए इंतजार करना होगा।

मालूम हो कि केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से नीतिगत दर या रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है। आखिरी बार मई में ब्याज दरों में 0.40 फीसदी और मार्च में 0.75 फीसदी की कटौती की गई थी। शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक दो दिसंबर को शुरू हुई थी

समिति द्वारा लिए गए फैसलों की प्रमुख बातें

आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार प्रतिशत पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है। दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर और कैश रिजर्व रेशियो तीन फीसदी पर स्थिर है। एसएलआर 18 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (एमएसएफ) रेट 4.25 प्रतिशत पर है।

मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्यों ने मुद्रा स्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में निर्णय किया। आरबीआई ने मौद्रिक नीति में नरम रुख को बरकरार रखा, सर्दियों में महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद जताई। दास ने कहा कि, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी उपलब्ध हो। जरूरत पड़ने पर हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’

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शक्तिकांत दास ने कहा कि अगली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव में लौटने की उम्मीद है। आरबीआई ने अगली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 0.10 फीसदी कर दिया है। वहीं, चौथी तिमाही के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ 0.70 फीसदी रहने का अनुमान है, हालांकि, पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ -7.5 फीसदी रह सकती है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से जारी राहत पैकेज से रिकवरी आई है। अगस्त में इमर्जिंग मार्केट्स का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई एक बार फिर से एक्सपैंशन मोड में यानी 50 से ऊपर चला गया और सितंबर में उनका उत्पादन रेट पॉजिटिव हो गया। अक्तूबर में सेवा क्षेत्र पीएमआई विकसित बाजारों के लेवल पर पहुंच गया।

वहीं केंद्रीय बैंक ने कहा कि कॉमर्शियल बैंक 2019-20 के लिए लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने कहा कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम अगले कुछ दिनों में 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध होगा। यानी अब आपको बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक के खुलने और बंद होने का इंतजार नहीं करना होगा।

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