आरयू ब्यूरो, लखनऊ/बलरामपुर। यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। रविवार को बलरामपुर स्थित उतरौला में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान की धज्जियां उड़ाई। एक ही वर्ग की बात करते रहे हैं। भारत के संविधान की हिफाजत का शपथ लेने वाले योगी सेक्युलरिज्म को गलत साबित करने पर तुले हैं।
ओवैसी ने कहा कि प्रदेश में 2022 में ओमप्रकाश राजभर को मुख्यमंत्री बनाने का लक्ष्य भागीदारी संकल्प मोर्चा (बीएसएम) का है। साथ ही ये भी कहा कि अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए अपने तबके के ही लीडर को चुनना जरूरी है। साथ ही कहा कि दलित, पिछड़ा व मुस्लिम मिलकर देश की तकदीर बदल सकते हैं। 6445 एनकाउंटर में 37 फीसद मुसलमान रहे। ‘ठोंक दो’ का हवाला देकर मुस्लिमों को निशाना बनाया गया। प्रदेश में कानून-व्यवस्था खराब है।
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वहीं एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष उन्होंने कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने के खिलाफ आंदोलन इसलिए हुआ, क्योंकि ये मजहब के नाम पर बनाया गया था। कानून की कॉपी से इत्तेफाक नहीं था, इसलिए मैने लोकसभा में बिल की कॉपी फाड़ दी। प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी पर भी रोक है।
ओवैसी ने कहा कि मुल्क को बचाने के लिए कुर्बानी देने को तैयार हूं। मुल्क में नफरत के बीज बोया जा रहा है। इससे देश में अस्थिरता फैल रही है। इस नफरत को खत्म करने के लिए संकल्प मोर्चा बनाया गया है। हमें नफरत के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा। सपा, बसपा व कांग्रेस को वोट देने वाले उनसे दूर होकर हमसे जुड़ रहे हैं। यूपी व मुल्क की तस्वीर हम बदलेंगे। सेक्युलरिज्म को बचाने का हवाला देकर हमारा वोट लिया, लेकिन उसे नहीं बचा पाए। कथित सेक्युलरों ने अपने परिवार व अजीजों की हिफाजत की है।