आरयू इंटरनेशनल डेस्क। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम फाइनल की रेस से बाहर हो गई है। उसे सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन बेल्जियम के हाथों 5-2 से हार मिली है। हालांकि टीम इंडिया के पास अब भी मेडल जीतने का मौका है। वह अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेगी।
गौरतलब है कि मैच में भारत ने दो गोल किए इसके मुकाबले बेल्जियम ने पांच गोल दागे और फाइनल में जगह बनाई। इस हार के साथ ही भारत गोल्ड और सिल्वर की रेस से भले ही बाहर हो गया हो, लेकिन अभी कांस्य पदक उम्मीद कायम है। दूसरे सेमीफाइनल के विजेता फाइनल में खेलेंगे, जबकि हारने वाली टीम का मुकाबला कांस्य पदक के लिए भारत के साथ होगा।
मैच के पहले क्वार्टर में बेल्जियम के एक गोल के मुकाबले भारतीय टीम ने दो गोल के साथ बढ़त बना ली थी। मगर इसके बाद बेल्जियम की टीम ने मौका नहीं दिया। पूरे मैच में बेल्जियम को 14 पेनाल्टी कॉर्नर मिले। इसमें उन्होंने तीन को गोल में बदला।
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वहीं सेमीफाइनल मैच का दूसरा क्वार्टर भी काफी रोमांचक रहा। इसमें दोनों टीमों को पेनल्टी कॉर्नर मिले। गेम के तीसरे क्वार्टर में भारत को पांचवां पेनल्टी कॉर्नर मिला। लेकिन टीम इसे गोल में नहीं बदल पाई। मैच के चौथे क्वार्टर में बेल्जियम ने पेनल्टी स्ट्रोक मिला और हेंड्रिक्स ने एक और गोल दाग दिया। इस गोल के साथ बेल्जियम ने भारत पर 5-2 से बढ़त हासिल कर ली।
वहीं टीम की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “जीत और हार जीवन का एक हिस्सा है। हमारी पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है। टीम को अगले मैच और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। भारत को हमारे खिलाड़ियों पर गर्व है।