आरयू वेब टीम। मोदी सरकार ने बुधवार को किसानों और टेक्सटाइल सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए हैं। कैबिनेट ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 10683 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेटिव्स (पीएलआइ) स्कीम को मंजूरी दी है। ये इनसेंटिव्स पांच साल के दौरान टेक्सटाइल सेक्टर को दिए जाएंगे। इसके अलावा कैबिनेट ने किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। सरकार ने रबी की फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है। इसका फायदा देश भर के किसानों को होगा।
कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों को जानकारी देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएलआइ स्कीम से भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को ग्लोबल तौर पर कंपटीटिव बनाने में मदद मिलेगी। पीएलआइ स्कीम से 7.5 लाख लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि वस्त्र उद्योग के लिये जितने कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाए हैं। वह शायद ही पहले कभी उठाये गये हों। मुझे विश्वास है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपना वर्चस्व दिखा पायेगा। साथ ही कहा कि 10,683 करोड़ रुपये इंसेंटिव के रूप में प्रोडक्शन के ऊपर दिये जायेंगे। इस से हमारी कंपनियां ग्लोबल चैंपियन बनेंगी, जो कंपनियां टियर तीन या टियर चार शहरों के पास हैं, उन्हें अधिक प्राथमिकता मिलेगी, साथ ही कितना रोजगार सृजन होगा, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। इस योजना का सीधा लाभ गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों को होगा।
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इसके अलावा कैबिनेट ने गन्ना किसानों के लिए 290 रुपये प्रति क्विंटल के खरीद भाव को मंजूरी दी, जो कि अबतक का सबसे ज्यादा भाव है। कैबिनेट ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया। गेहूं के लिए एमएसपी 1975 रुपये से बढ़ाकर 2015 रुपये किया। इस एमएसपी पर उत्पादन लागत का उनका 100 प्रतिशत किसानों को वापस हो जाएगा।
वहीं चना की एमएसपी साल 2022-23 के लिए 5230 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है, जो कि पहले 5100 रुपये थी। मसूर की एमएसपी 5100 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये कर दी गई है, जबकि मस्टर्ड की एमएसपी 4650 रुपये से बढ़ाकर 5050 रुपये कर दी गई है। कुसुम की एमएसपी में भी 114 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, अब ये 5327 रुपये से बढ़कर 5441 रुपये हो गई है। बढ़े हुए एमएसपी का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना है और यह किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा।