आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 (नीट-एसएस) परीक्षा के सिलेबस में अंतिम समय में किए गए बदलाव को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वो युवा डॉक्टरों को सत्ता के खेल में फुटबॉल न बनाए।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार इस मामले से जुड़े सभी संबंधित प्राधिकारियों के साथ बैठक कर चार अक्टूबर तक जवाब पेश करे। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्न ने कहा, ‘इन युवा डॉक्टरों से फुटबॉल की तरह व्यवहार न करें, हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते।
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साथ ही कहा कि आप अपनी व्यवस्थाएं सुधारिये, यदि किसी के पास ताकत है तो वह उसका मनचाहा इस्तेमाल नहीं कर सकता। यह उनके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते। अंतिम समय में बदलाव करने के कारण इन युवा डॉक्टरों के साथ छल हो सकता है।’
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बता दें कि मामले में 20 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की थी। अचानक किए गए बदलाव के खिलाफ 41 पीजी डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी दलील है कि यह बदलाव जनरल मेडिसीन कैंडिडेट्स के पक्ष में किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर आगे सुनवाई की। याचिकाकर्ता डॉक्टर नीट एसएस 2021 को पास कर सुपर-स्पेशलिस्ट बनना चाहते हैं।