आरयू वेब टीम। लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या को लेकर हुए बवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा है कि अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है। अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान पूछा कि आखिर अब तक कितने लोगों के खिलाफ केस फाइल हुआ है और कितने लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं। अदालत ने इस संबंध में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
वहीं यूपी सरकार ने आज कोर्ट में कहा कि ‘ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। एसआइटी का गठन किया गया है। एफआइआर दर्ज की गई है। हम रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं।’ यूपी सरकार के बयानों पर सीजेआइ ने कहा कि ‘लेकिन आरोप ये हैं कि आप जांच सही से नहीं कर रहे। यूपी सरकार ने इस पर कहा कि हमने इस मामले में न्यायिक आयोग का गठन भी किया है। कल मामले की सुनवाई रखी जाए। हम सारे जवाब देने की कोशिश करेंगे।’
गरिमा प्रसाद ने यूपी की तरफ से कहा, ‘हमने एफआइआर दर्ज कर ली है। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में जांच टीम बना दी है।’ इसपर सीजेआई ने कहा कि ‘कल इस मामले में राज्य सरकार से बात कर निर्देश लेकर आएं और हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर कितनी याचिकाएं दाखिल हुई हैं उनकी तफसील और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। कितनी एफआइआर, कितने गिरफ्तार, कितने आरोपी सभी कुछ बताएं।’
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सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने को कहा। चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘हमने इस मामले को वकील शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा की चिट्ठी पर दर्ज किया है। हमने इसे जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने को कहा था, लेकिन कुछ कंफ्यूजन से ये स्वतः संज्ञान के तौर पर दर्ज हो गया।’ कोर्ट ने दोनों वकीलों को पेश होने को कहा है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की बेंच यह सुनवाई कर रही है। सीजेआइ के अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली भी बेंच में शामिल हैं। केस का टाइटल ‘लखीमपुर खीरी में हिंसा के चलते जान का नुकसान’ है।