आरयू वेब टीम। रेलवे परीक्षा में धांधली के आरोपों के बाद छात्र बिहार में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पटना से शुरू हुआ प्रदर्शन बिहार के कई इलाकों में फैल गया। यूपी के प्रयागराज में भी अभ्यर्थी छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है। इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर कई जगह लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए। जिसके बाद उग्र हुए अभ्यर्थियों ने बुधवार को बिहार में गया रेलवे जक्शन के आउटर सिग्नल पर खड़ी एमटी ट्रेन में आग लगा दी। इस मामले पर मोदी सरका के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अभ्यर्थी से अपील कर कहा कि “मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेसवार्ता कर कहा, “इतनी बड़ी संख्या में परिक्षार्थी हों तो एक बार में परीक्षा लेना कठिन है, इस वजह से दो लेवल किया गया था। फिर भी हम अब इस पर विचार कर रहे हैं।” अश्विनी वैष्णव ने कहा, “मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें। आपकी जो शिकायतें और बिंदू अब तक उभर कर आए हैं उन सबको हम गंभीरता से देखेंगे। कोई भी छात्र कानून को हाथ में न ले।”
साथ ही कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहुत संवेदनशीलता के साथ काम किया है। सारे छात्र बंधुओं से अनुरोध करूंगा कि वे अपने मुद्दों को औपचारिक तौर पर रखें, हम संवेदनशीलता के साथ विचार करेंगे। हम इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल चाहते हैं, हम विलंब नहीं करना चाहते। कमेटी को चार मार्च तक रिपोर्ट देनी है।
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रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी। प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी।
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मालूम हो कि रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में छात्रों ने कर बिहार और यूपी में विरोध प्रदर्शन किया, जो अन्य हिस्सों में फैल गया। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था। उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। परीक्षा परिणाम 15 जनवरी को घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है।
उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था। सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी।