आरयू ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत की सुरक्षित सीट बरखेड़ा और पूरनपुर से तीन बार विधायक रहने वाले पीतमराम का शुक्रवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। पूर्व विधायक के निधन से उनके समर्थकों और सपाईयों में शोक की लहर दौड़ गई। उनको पिछले साल कोरोना हो गया था, जिसके चलते वह काफी समय से बीमार थे।
पीतमराम पीलीभीत की बरखेड़ा सुरक्षित सीट से सबसे पहली बार 1996 में सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2002 में जीत दर्ज की, लेकिन साल 2007 में भाजपा के सुखलाल से चुनाव हार गए। यहां से सुखलाल ने जीत दर्ज की, 2008 के परिसीमन में यह सीट सामान्य हो गई।
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वहीं पीलीभीत की पूरनपुर सीट सुरक्षित कर दी गई, जिसके चलते उन्होंने पूरनपुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा। 2012 के चुनाव में भाजपा के बाबूराम पासवान को हराकर चुनाव जीत लिया, हालांकि 2017 में बीजेपी के बाबूराम पासवान ने लंबे अंतर से उन्हें चुनाव हरा दिया। विधानसभा चुनाव 2017 के अंतिम चुनाव में पीतमराम को 892251 मत मिले थे, जबकि भाजपा के बाबूराम पासवान को 1.28 लाख मत मिले थे।
उन्होंने पुत्रवधु आरती महेंद्र को सियासी विरासत सौपी। 2022 विधानसभा चुनाव के लिए पूरनपुर सुरक्षित सीट से सपा का टिकट दिलाया है। वह नामांकन भी करा चुकी है। यहां 23 फरवरी को मतदान होना है। इससे पूर्व आरती पीलीभीत जिला पंचायत अध्यक्ष का पद सुरक्षित होने पर अध्यक्ष भी रह चुकीं है।