आरयू वेब टीम। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 12,430 नए स्मार्ट क्लास रूम का उद्घाटन किया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद केवल चुनाव लड़ना और जीतना नहीं है। हम नेपोलियन नहीं है। हमारा मकसद है कि देश आगे बढ़ना चाहिए। अगर दूसरी पार्टियों की सरकारें अपने-अपने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करना चाहती हैं तो हम उनकी मदद करेंगे। कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।
केजरीवाल ने कहा कि हमने 75 साल बर्बाद किए हैं…अब मेरे पास सभी सरकारों के लिए एक प्रस्ताव है। यदि आप अच्छी शिक्षा प्रणाली चाहते हैं, तो हम आपको मनीष सिसोदिया लोन पर दे सकते हैं। पिछले सात साल में दिल्ली सरकार ने 20,000 क्लासरूम बनाए हैं। उसकी तुलना में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों ने मिलकर भी सात साल में 20,000 क्लासरूम नहीं बनाए।
इतना ही नहीं इस साल 3,70,000 बच्चों ने बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों से नाम कटा कर दिल्ली सरकार के स्कूल में एडमिशन लिया है। दिल्ली की शिक्षा क्रांति का इससे बड़ा सर्टिफिकेट और क्या हो सकता है?
वहीं आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता कुमार विश्वास द्वारा केजरीवाल पर पंजाब में अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाने के बाद केजरीवाल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। केजरीवाल ने कुमार विश्वास के आरोपों को हास्यास्पद करार दिया है। उसी पर तंज कसते हुए केजरीवाल ने कहा कि ये आतंकवादी स्कूल बना रहा है।
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इसके अलावा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार देश की एकमात्र सरकार है जो सात साल से अपने बजट का 25 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करती है। आज हमें गर्व होता है कि इन्हीं स्कूलों में पढ़ कर बच्चे आइआइटी में पहुंच रहे हैं, नीट क्लियर कर रहे हैं। 2015 में एक बच्चे ने भावुक टिप्पणी की थी कि “देश का भविष्य हम नहीं, प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हैं…”आज दिल्ली के सरकारी स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर है।