आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उतार-चढ़ाव से भरे उत्तर प्रदेश राज्यसभा की दस सीटों का फैसला आखिरकर गुरुवार की रात आ गया। मतदान से लेकर मतगणना तक के घटनाक्रम के बाद नतीजे के समय भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारते हुए अपने नौवें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल को भी जीत दिलाने में सफलता हासिल कर ली है। इस जीत के साथ भाजपा ने हाल ही में बसपा की वजह से लोकसभा की दो सीटों पर मिली हार का भी काफी हद तक हिसाब बराबर कर दिया।
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हालांकि भाजपा की इस जीत के पीछे बसपा विधायक अनिल सिंह का बड़ा हाथ रहा। अपनी पार्टी की मुखिया मायावती के समीकरणों को फेल करते हुए आज आश्चर्यजनक तरीके से अनिल ने अपना वोट भाजपा की झोली में डाल दिया। वहीं अपने विधायकों के अलावा कांग्रेस, सपा, रालोद और निर्दलीय के दम पर अपने एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने की मायावती की उम्मीद को झटका लगने की शुरूआत कल बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी समेत सपा विधायक हरिओम यादव को वोटिंग से रोकने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसले के साथ ही हो चुकी थी।
इन उम्मीदवारों को भी मिली जीत
दसवीं सीट को छोड़कर राज्यसभा की नौं सीटों पर पहले से विजय माने जा रहे उम्मीदवारों को ही जीत मिली है। यूपी से राज्यसभा पहुंचने वालों में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा अशोक बाजपेयी, कांता करदम, हरनाथ सिंह यादव, अनिल जैन, सकलदीप राजभर, विजय पाल सिंह तोमर, जीवीएल नरसिम्हा राव के अलावा समाजवादी पार्टी से जया बच्चन को भी जीत मिली है।
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योगी ने सपा को बताया अवसरवादी, बसपा की दी ये सलाह
वहीं जीत के बाद भाजपा मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा को अवसरवादी बताने के साथ ही बसपा को समय रहते संभलने की सलहा दे डाली। सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी का अवसरवादी चेहरा एक बार फिर सबके सामने आ गया है। सपा दूसरों से ले तो सकती है, लेकिन दे नहीं सकती।
भाजपा ने पेश किया दलित विरोधी होने का प्रमाण
दूसरी ओर तमाम जुगाड़ के बाद भी राज्यसभा में बसपा उम्मीदवार को मिली हार के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक बार फिर दलित विरोधी होने का प्रमाण पेश किया है।
भीमराव आंबेडर को जीतने से रोकने के लिए भाजपा ने विधायकों की जमकर खरीद-फरोख्त की। इतना ही नहीं बल्कि दो विधायकों को मतदान से वंचित भी करा दिया।