आरयू वेब टीम। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बजट सत्र की शुरुआत में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के लिए विधानसभा से सात भाजपा विधायकों के निलंबन को बुधवार को रद्द कर दिया। निलंबित होने के बाद विधायकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। विधायकों की याचिका पर 27 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
भाजपा के सात विधायकों – मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल बाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता ने पिछले महीने अदालत का रुख किया और विधानसभा से उनके निलंबन को चुनौती दी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने आदेश सुनाते हुए कहा कि रिट याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं।
यह भी पढें- केजरीवाल को समन व संजय सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP का प्रदर्शन, पुलिस ने हिरासत में लिया
विधायकों ने तर्क दिया था कि विशेषाधिकार समिति के समक्ष कार्यवाही के समापन तक उनका निलंबन लागू नियमों का उल्लंघन था। दूसरी ओर, विधानसभा अधिकारियों ने अदालत को आश्वासन दिया था कि विधायकों का निलंबन सदन में असंतोष को दबाने का प्रयास नहीं था। भाजपा सांसदों ने 15 फरवरी को अपने संबोधन के दौरान सक्सेना को कई बार रोका था क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला था।