आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने रविवार को राम मंदिर के लिए कुछ जमीन की खरीद में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। साथ ही संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि इस घोटाले की जांच सीबीआइ व ईडी से कराकर घोटालेबाजों को जेल भेजा जाए।
आज इस बारे में गोमतीनगर स्थित आप के पार्टी कार्यालय पर प्रेसवार्ता करते हुए संजय सिंह ने मीडिया के सामने दावा करते हुए कहा कि राम मंदिर के नाम पर हजारों करोड़ रुपये चंदा वसूलने वाले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में जमीन खरीद के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है।
संजय सिंह ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है। देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की इससे आस्था जुड़ी हुई है। इसीलिए राम मंदिर निर्माण के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपये ट्रस्ट को चंदे में दिए। अब उसी ट्रस्ट में उनके चंदे की धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही।
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आप के यूपी प्रभारी ने अपने आरोपों के पक्ष में कुछ कागजात मीडिया को दिखाते हुए कहा कि अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244, 246 की जमीन जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्सी लाख रुपये है, उसको दो करोड़ रुपये में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने खरीदा। इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र और दूसरे रिषिकेश उपाध्याय जो अयोध्या के मेयर हैं। पांच मिनट बाद ये जमीन राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ में खरीद ली। 17 करोड़ रुपये आरटीजीएस कर दिया गया। लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम बढ़ गया। प्रभु श्रीराम के नाम पर जिस तेजी से जमीन की कीमत बढ़ी वह अपने आप में रिकॉर्ड है। जो अनिल मिश्र और रिषिकेश तिवारी सुल्तान और रवि मोहन तिवारी की खरीद में गवाह थे, वही ट्रस्ट के बैनामे में भी गवाह बन गए।
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संजय सिंह ने आगे कहा कि मैं समझता हूं आज उन करोड़ों भक्तों को ठेंस लगी होगी, जिन लोगों ने भगवान राम के मंदिर के निर्माण पर चंदा दिया। मंदिर निर्माण के नाम पर ट्रस्ट के पदाधिकारी करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। यह मनी लांड्रिंग का मामला है। जो जमीन मंदिर ट्रस्ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए स्टांप पांच बजकर 11 मिनट पर खरीदा गया और रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी पांच बजकर 22 मिनट पर खरीदा। आखिर ट्रस्ट ने स्टांप पहले ही कैसे खरीद लिया। किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीद के लिए बोर्ड की मीटिंग करके प्रस्ताव पास किया जाता है। ऐसे में सवाल है कि मात्र पांच मिनट में कैसे ट्रस्ट ने प्रस्ताव पास करके जमीन खरीद ली। आज प्रभु श्रीराम के नाम पर घोटाले का पूरा सच देश की जनता के सामने आ गया है।